S-400 वायु रक्षा प्रणाली सोदे में भी रिलायंस का नाम, फिर बढ़ सकती सरकार की मुसीबत!

नई दिल्ली 6 अक्टूबर राफेल डील में अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस का नाम सामने आने के बाद मचे सियासी तूफान को एक बार फिर से हिलोरे मारते देखा जा सकता है बीते रोज रूस के साथ एस 400 वायु रक्षा प्रणाली खरीदने के मामले में एक बार फिर से रिलायंस कंपनी का नाम सामने आ रहा है करीब $5 के समझौते पर शुक्रवार को हस्ताक्षर किए गए इस मिसाइल सिस्टम की डील को लेकर वर्ष 2015 में भारत और रूस के बीच बातचीत चल रही थी।
रूस का यह सिस्टम विश्व के कई देश खरीदना चाहते हैं माना जाता है कि इसे अमेरिका के टर्मिनल हाई आल्टीट्यूड एरिया डिफेंस सिस्टम से बहुत अच्छा माना जाता है दोनों देशों के बीच हुए इस बड़ो समझौते का दोनों देशों के नेताओं ने अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जिक्र नहीं किया है।
बताया जाता है कि साल 2015 में प्रधानमंत्री की मासूम यात्रा के दौरान अनिल अंबानी की कंपनी डिफेंस में रूस के अलमास एंटी के साथ 6 अरब डॉलर के संभावित विनिर्माण और रखरखाव पर हस्ताक्षर किए थे अलमास एंटी रोसोबोरोनेक्सपोर्ट कंपनी है और s400 की प्रमुख निर्माता है।
भारत की रिलायंस डिफेंस लिमिटेड और उसकी वाइब्रेशन मिसाइल सिस्टम की निर्माता कंपनी अलमाज एन्टी में भारत के साथ संयुक्त रूप से काम करने का फैसला किया है।

जानकारी के मुताबिक रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल ने प्रेस रिलीज में कहा था कि हमारी प्रस्तावित साझेदारी दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों के लिए मील का पत्थर साबित होगी. वहीं अल्माज-एंटी के उपाध्यक्ष ने कहा था कि रिलायंस डिफेंस के साथ काम करने से भविष्य में भारत की सुरक्षा बलों की जरूरतों को पूरा करने के लिए दोनों कंपनियों को नई दिशा मिलेगी.

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