बड़ी मुद्दत के बाद मेरे शहर में कोई हुनर वाला आया था
सो रहे शहर में उसने कुछ ऐसा जोश जगाया था
हौसले को मिलने लगी थी उड़ान गलियां चमकने लगी थी
संभल रही थी शहर की सूरत, बदल रहे थे हालात
वाह री किस्मत, हुनर वाले को ही बीच में लौटाया था।
झाँसी- यह पंक्तियां वैसे तो किसी भी व्यक्तित्व को प्रदर्शित करने के लिए कहीं जा सकती हैं, लेकिन झांसी में पिछले 4 सालों से यातायात व्यवस्था को वे पटरी से पटरी पर लाने वाले टी एस आई सुभाष यादव के व्यक्तित्व को पूरी तरह प्रदर्शित करती हैं और उनके झांसी वासियों के साथ अपनत्व की जुदाई को बयां भी करते हैं।
बीते रोज ही पीएसआई सुभाष यादव पदोन्नत होकर एटा के लिए स्थानांतरित हो गए हैं। सहज और सरल स्वभाव के सुभाष यादव जब झांसी में आए थे तब किसी को इस बात का एहसास नहीं था कि अपनी कर्म शीलता के बल पर वह झांसी वासियों के दिलों में उतर जायेंगे और उन्हे यातायात का वह पाठ पढ़ा देंगे जो लंबे समय तक भुलाया नहीं जा सकेगा।
पीएसआई सुभाष यादव ने पिछले कई सालों में मुख्य चौराहों से लेकर बाजार की गलियों में लगने वाले जैम को लगभग खत्म कर दिया था। उन्होंने नगर का हर रास्ता वाहनों को गुजरने के लिए इतना आसान बना दिया कि अब जैम लगने की आशंका झांसी वासियों के मन से पूरी तरह निकल गई थी।
यातायात विभाग में कर्मियों की कमी और संसाधनों का अभाव होने के बाद भी टी एस आई ने बड़ी ही सूझबूझ से नगर की यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ करने का प्लान बनाया था ।उनकी जन सहयोग की नीति ने विभाग के चंद कर्मियों की संख्या को सेक्टर वार्डन के सहयोग से फौज के रूप में बदल दिया था।
नगर में चाहे राजनीतिक सामाजिक या किसी भी संगठन का कोई कार्यक्रम हो ऐसा होता ही नहीं था कि जैम लग जाए । सुभाष यादव सेक्टर वार्डन की सहयोग से हर कार्यक्रम को सुचारू तरीके से संचालित करने का पहले ही प्लान तैयार कर लेते थे।
आज झांसी का सबसे मुख्य चौराहे लाइट पूरी तरह से जैम से मुक्त है ।जबकि यहां हर रोज घंटो तक जाम लगा रहता था, जिससे नगर के लोग ही नहीं बाहर से आने वाले वाहन चालक भी परेशानी का सामना उठाया करते थे।
टीएसआई सुभाष यादव को नागरिक सुरक्षा संगठन के सभी सदस्यों का भरपूर सहयोग मिला। यही कारण है कि बीते रोज जब उन्हें पदोन्नति के बाद झांसी से विदा लेने का मौका आया तो सभी वार्डन और व्यापारी संगठनों ने सुभाष यादव का भव्य स्वागत करते हुए हैं उन्हें सम्मानित किया।
इस मौके पर मौजूद अंकुर बट्टा अनूप खरे, सचिन कंचन सौरभ हयारण, दीपांशु कंचन, शुभम आदि वार्डन और व्यापारियों की मन व्यथित नजर आए.