महिलाओं की सुरक्षा को समाज में उपयुक्त माहौल बनाएं

झांसी। बंुदेलखंड विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति प्रो वीके सहगल ने आज युवाओं का आह््वान किया कि वे आपस में मिल.जुलकर महिलाओं की सुरक्षा के लिए समाज में उपयुक्त माहौल तैयार करें। उन्होंने कहा कि यदि युवा जागरूक रहंे तो हर महिला की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है। वे शुक्रवार को विश्वविद्यालय के गांधी सभागार में नारी सुरक्षा और जागरूकता विषय पर आयोजित संगोष्ठी में युवाओं और विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे।

इसी कार्यक्रम में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जेके शुक्ल और अन्य पुलिस अधिकारियों ने युवाओं का आह््वान किया कि वे अपराधों की सूचना पुलिस को तत्काल दें ताकि अपराधियों को दंडित किया जा सके। उन्होंने कहा कि शोषण और अपराध को छिपाएं नहीं अपराधियों को दंड दिलाने को उचित कदम उठाएं।

पुलिस महिलाओं की सुरक्षा को उचित कदम उठाने को हर पल मुस्तैद और तैयार है।
प्रो. सहगल ने चिंताभरे लहजे में कहा कि समाज में महिलाओं के प्रति अपराध की घटनाएं बढ़ी हैं। समाज की सोच में बदलाव लाकर ही अपराधों पर नियंत्रण पाया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि अब हर युवा को नारी सुरक्षा का संकल्प लेना चाहिए। महिलाओं को सुरक्षित माहौल देकर ही देश को विकास के मार्ग पर आगे बढ़ाया जा सकता है।
इससे पहले वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जेके शुक्ल ने कहा कि शासन और प्रशासन महिलाओं की सुरक्षा के सवालों को लेकर बेहद संजीदा है। समाज में आ रहे बदलावों के कारण अपराध बढे़ हैं। उसे देखते हुए पुलिस अनेक महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। पुलिस की सहायता लेने को किसी भी समय 1090 और 100 नंबर डायल किए जा सकते हैं।

इन नंबरों पर काल करने वाली पीड़िता को हरसंभव मदद उपलब्ध कराई जाती है। उन्होंने पुलिस की पावर एंजेल योजना की जानकारी देते हुए छात्राओं से विशेष पुलिस अधिकारी यानी एसपीओ बनकर समाज की सेवा करने का आह््वान किया। इससे पहले डीएसपी इंटेलीजेंस उमेश त्यागी, महिला थाना प्रभारी अर्चना सिंह, महिला सम्मान प्रकोष्ठ की प्रभारी पूनम शर्मा, पीओ बंशराज यादव ने महिलाओं की सुरक्षा को बने कानूनों और उनकी मदद के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी।

सभी विद्यार्थियों को यूपी के पुलिस महानिदेशक सुलखान सिंह का संदेश भी सुनाया गया। उन्होंने युवाओं का आह््वान किया कि वे अपमानजनक बात को बर्दाश्त न करें। कोई अपराध हो तो पुलिस को सूचना दें। चुप्पी तोड़ो और खुलकर बोलो का स्लोगन देते हुए डीजी सुलखान सिंह ने कहा कि पुलिस हर पीड़ित की उचित सहायता करेगी।

मुख्य अतिथि अपर आयुक्त उर्मिला खाबरी ने छात्राओं को सुझाया कि कहीं भी कोई गलत व्यवहार होने पर उसके बारे में माता.पिता को जानकारी दें। साथ ही पुलिस को इस बारे में जरूर बताएं। उन्होंने कहा कि शिक्षा केे जरिये ही महिलाओं को सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जा सकता है।
इस कार्यक्रम में डा. अलका सेठी, समाजसेवी शशिप्रभा मिश्रा, शोभा सिंह, इला पंत, प्रो अपर्णा राज ने भी विचार रखे। अंत में वित्त अधिकारी धर्मपाल ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने भी यही कहा कि समाज की सोच में बदलाव लाकर ही महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।
इस संगोष्ठी का संचालन डा. नीता यादव, उमेश त्यागी और डा. मोहम्मद नईम ने किया। इस कार्यक्रम में एसपी सिटी देवेश पाण्डेय, कुलसचिव सीपी तिवारी, कुलानुशासक प्रो एम एल मौर्य, प्रो देवेश निगम, डा डीके भट्ट, डा. मुन्ना तिवारी, डा. अचला पाण्डेय, नम्रता, डा. पुनीत बिसारिया, डा. नेहा मिश्रा, डा. सीपी पैन्यूली, जय सिंह, डा. कौशल त्रिपाठी, राघवेंद्र दीक्षित, उमेश शुक्ल, सतीश साहनी डा. प्रशांत मिश्रा, डा. अजय गुप्ता, डा.सपना सक्सेना, डा. सुनीता, डा. सरोज कुमार समेत अनेक शिक्षक शिक्षिकाएं और विभिन्न विभागों के विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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