नई दिल्ली 28दिसम्बरः हर महीने बढ़ने वाले सिलेंडर के दाम को सरकार ने वापस ले लिया है। यह उपभोक्ताओ के लिये बड़ी खुशखबरी है।
पहले सरकार ने हर महीने चार रूपये बढ़ाने का फैसला किया था। इससे गरीबो को दी जाने वाली उज्जवला योजना पर असर पड़ रहा था।
जानकार मान रहे है कि सरकार की किरकिरी होने के बाद इस आदेश को बीते महीने ही वापस ले लिया गया, लेकिन अब इसे लागू किया जाएगा।
पिछले 17 माह में 19 किस्तों में एलपीजी कीमतों में 76.5 रुपये की बढ़ोतरी हुई है. सूत्र ने बताया कि यह आदेश सरकार की उज्ज्वला योजना के उलट संकेत दे रहा था.
एक तरफ सरकार गरीबों को मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन दे रही है वहीं दूसरी ओर हर महीने सिलेंडर के दाम बढ़ाए जा रहे हैं. इसमें सुधार के लिए यह आदेश वापस ले लिया गया है. सूत्र ने कहा कि अक्तूबर के बाद भी एलपीजी के दाम बढ़े हैं, इसकी मुख्य वजह कराधान का मुद्दा है.
कंपनियों ने नहीं बढ़ाए दाम
इसी के चलते इंडियन आयल कॉरपोरेशन (आईओसी) भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसीएल) तथा हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (एचपीसीएल) ने अक्तूबर से एलपीजी के दाम नहीं बढ़ाए हैं.
इससे पहले तक पेट्रोलियम कंपनियों को 1 जुलाई, 2016 से हर महीने 14.2 किलोग्राम के एलपीजी सिलेंडर के दाम दो रुपये (वैट शामिल नहीं) बढ़ाने की अनुमति दी गई थी. इसके बाद पेट्रोलियम कंपनियों ने 10 मौकों पर एलपीजी के दाम बढ़ाए थे.
प्रत्येक परिवार को एक साल में 12 सब्सिडी वाले सिलेंडर मिलते हैं. इससे ज्यादा की जरूरत होने पर बाजार मूल्य पर सिलेंडर मिलता है.
30 मई, 2017 को एलपीजी कीमतों में मासिक वृद्धि को बढ़ाकर दोगुना यानी चार रुपये कर दिया गया. पेट्रोलियम कंपनियों को 1 जून, 2017 से हर महीने एलपीजी कीमतों में चार रुपये वृद्धि का अधिकार दिया गया.
इस मूल्यवृद्धि का मकसद घरेलू सिलेंडर पर दी जाने वाली सरकारी सब्सिडी को शून्य पर लाना था. यह काम मार्च, 2018 तक किया जाना था.