झांसी-मेयर साहब, देख ले यह झांसी के मुख्य बाजार की तस्वीर है! रिपोर्ट-देवेन्द्र व रोहित

झांसीः वैसे तो यह खुशी की बात है कि झंासी स्मार्ट सिटी की लिस्ट मे शामिल हो गया है और स्वच्छता सर्वेक्षेण मे प्रदेश मे तीसरा स्थान हासिल किया। पर, यह सोचने की बात है कि क्या झांसी कभी अतिक्रमण से मुक्त हो सकेगा? बाजार कभी खुले बाजार की शक्ल हासिल कर सकेगा? व्यापारिक नेता क्या गलियो  बने मार्केट को लेकर किये गये नियमो से खिलावाड़ पर कुछ बोल सकेगे? क्या मेयर कभी मुख्य बाजार मंे घूमने जाएंगे?

सवाल बहुत सारे है। जनता का गुस्सा भी बहुत है। नगर के व्यस्त बाजार कहे जाने वाले मानिक चैक, बड़ा बाजार का बुरा हाल है। बाजार की हर गली मे मार्केट ईजाद कर दी गयी है। हर किसी ने मकान को मार्केट मे बदल दिया है। किसी ने यह नहीं सोचा कि मार्केट बनाने से पहले पार्किंग की व्यवस्था कर लेते।

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नियमो  को धता बता कर और पैसे के बल पर नक्सा पास कराने वाले लोगो  की सजा अब जनता भुगत रही है। प्रशासन केवल चेतावनी दे पाता है। व्यापारिक संगठन कुछ बोलते नहीं। कुछ व्यापारी और समाजसेवी बोलते भी है, तो उनकी आवाज अनसुनी कर दी जाती।

नगर का प्रथम नागरिक होने के नाते लोग मेयर रामतीर्थ सिंघल से कई बार अपील कर चुके है कि बाजार मे अतिक्रमण की समस्या का समाधान किया जाए।

यातायात विभाग की ओर से मानिक चैक मे कई बार होमगार्ड की डयूटी लगायी जाती है।इसका असर यह होता है कि बाजार मे चार पहिया वाहन प्रवेश नहीं कर पाते, लेकिन मोटरसाइकिल की तादाद इतनी है कि गलियां पूरी तरह जैम हो जाती।

यह चित्र गुसांईपुरा इलाके का है। मानिक चैक से बाजार मे प्रवेश करने के दौरान ही यह गली पड़ती है। ऐसा नहीं है कि अकेले इस गली का यह हाल है। बाजार की सभी गलियां अमूनन ऐसी स्थिति मे है।

ताज्जुब तो इस बात का है कि नगर के हर बाजार मे पैठ बनाने को आतुर रहने वाले व्यापारिक संगठन आज तक यह सवाल नहीं उठा पाए कि मार्केट बनाने वाले पार्किंग की जगह क्यो नही छोड़ते।इससे उनकी भूमिका और कर्तव्य पालन पर भी सवाल उठते हैं।

बरहाल, समस्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। यदि गलियों मे इसी प्रकार मोटरसाइकिलो  के खड़े होने का सिलसिला जारी रहा, तो आने वाले दिनो  मे गलियां सिर्फ मोटरसाइकिलो  से भरी नजर आएंगी। अब देखना यह है कि क्या मेयर इस दिशा मे कुछ करने के लिये बाजार मे जाते है या नहीं।

 

 

 

 

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