बेगलुरू 19 मईः कनार्टक मे जिस तरह से सत्ता से कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर बेदखल कर दिया, उसने एक नयी संभावना को जन्म दिया है। इसमे 2019 के चुनाव मे कांग्रेस को प्रमुख नेतृत्व मिलने के साथ महागठबंधन का रास्ता साफ हो गया है।
सदन मे होने वाले विश्वास प्रस्ताव मे जुगाड़ नहीं होती देख मुख्यमंत्री येदुरप्पा ने भाषण के बाद इस्तीफे का एलान कर दिया।
सत्ता के संघर्ष मे आज बीजेपी ने घुटने टेक दिये।
2019 के लोकसभा चुनावों के लिए बीजेपी के खिलाफ गठबंधन बनाने में जुटी कांग्रेस ने इस मौके के लिए कई दलों के नेताओं को बुलाया है. कांग्रेस (78 सीटें) कर्नाटक में जेडीएस (37 सीटें) के मुकाबले करीब दोगुनी सीट लाकर भी सहयोगी की भूमिका में है.
कांग्रेस ने कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में बीएसपी प्रमुख मायावती, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी, सपा नेता अखिलेश यादव, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, टीआरएस प्रमुख और तेलंगाना के सीएम केसीआर, आंध्र प्रदेश के सीएम और टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू, डीएमके नेताओं, राजद नेताओं सहित आरएलडी नेता अजित सिंह को बुलावा भेजा है.
फिलहाल कांग्रेस के सामने राज्यों में सत्ता पाने से बड़ा लक्ष्य 2019 का है. बीजेपी चाहती है कि वह राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी के खिलाफ गठबंधन का नेतृत्व करती हुई दिखे और इसके लिए वह राज्यों में कुर्बानी देने को भी तैयार है. इसलिए वह कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में किसी को भी नहीं छोड़ना चाहती है.