नई दिल्ली 19 मार्चः मोदी के राज्य मे विजय रथ को रोकने के लिये कांग्रेस ने कर्नाटका मे बड़ा दांव चला है। लिंगायत को अलग धर्म की मान्यता दी है। यह बीजेपी की लिये कड़ी चुनौती वाला साबित हो सकता है। राज्य मे लिंगायत बहुतायत है। इनकी चुनाव मे अहम भूमिका है।
कर्नाटक में लिंगायत समुदाय के लोगों की संख्या राज्य की कुल आबादी की 17 से 18 फीसदी है. बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा भी इसी समुदाय से आते हैं. बीजेपी ने विवादित येदियुरप्पा को सीएम पद का दावेदार बनाकर इस समुदाय को लुभाने की कोशिश की थी. हालांकि, अब कांग्रेस ने नया दांव खेला है. राजनीतिक कारणों की वजह से बीजेपी कांग्रेस के इस कदम का विरोध कर रही है. इससे लिंगायतों के बीजेपी से रूठकर कांग्रेस के खेमे में जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं.
केंद्र के पाले में है गेंद
लिंगायत समुदाय लंबे समय से मांग कर रहे थे कि उन्हें अलग धर्म का दर्जा दिया जाए. कर्नाटक सरकार ने नागमोहन कमेटी की सिफारिशों को स्टेट माइनॉरिटी कमीशन एक्ट की धारा 2डी के तहत मंजूर कर लिया. अब इसकी अंतिम मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा.