पटना 17 सितम्बर। राजनैतिक प्रशांत किशोर ने आज बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश की पार्टी जेडीयू के दामन थाम लिया। राजनैतिक दलों के लिएआइडिया देने वाले प्रशांत अब खुद दूसरे कि लाइन पर अपनी राजनैतिक पारी आगे ले जाएंगे?
2014 के आम चुनाव ने तेजी से राजनैतिक पटल पर उभरे प्रशांत किशोर उर्फ पीके अब अपनी राजनैतिक पारी शरू करने जा रहे है। मोदी के चुनाव में लहर पैदा करने के बाद पीके की राजनैतिक दलों में जबरदस्त डिमांड हो गयी थी।
कांग्रेस से लेकर अन्य दल उन्हें अपना राजनैतिक सलाहकार बनाने को आतुर रहे। बिहार के चुनाव में नीतीश को सत्ता में पहचाने के बाद वो नीतीश के करीब हो गए थे।
जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) की आज होने वाली कार्यकारिणी बैठक से पहले उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पार्टी की सदस्यता दिलाई.
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से PK के मतभेद की खबरें भी आईं और उन्होंने साल 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन (आरजेडी+जेडीयू+कांग्रेस) के प्रचार की कमान संभाल ली और इस चुनाव में बीजेपी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा.
इसके बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश चुनाव और पंजाब में कांग्रेस के प्रचार की कमान संभाल ली थी. माना जाता है कि प्रशांत किशोर की रणनीति किसी भी पार्टी के लिए चुनाव में जीत सुनिश्चित करती है.