बुविवि को अग्रणी बनाने को निष्ठा, एकजुटता जरूरी -प्रो सुरेंद्र दुबे

झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय को देश की अग्रणी शिक्षण संस्था के रूप में निखारने को हम सबको एकजुट होकर पूरी निष्ठा से काम करना होगा। यदि सभी पूरे समर्पण से अपने कार्यों में डटे रहें तो आने वाले दिनों में हम हर सपने को साकार कर सकते हैं। यह उद््गार बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेंद्र दुबे ने शुक्रवार को अपराळन गांधी सभागार में आयोजित विशेष कार्यक्रम में व्यक्त किए। यह कार्यक्रम विवि के 22वें दीक्षांत समारोह के सफल निष्पादन के बाद शिक्षकों, कर्मचारियों एवं अधिकारियों के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए आयोजित किया गया।
इस कार्यक्रम में कुलपति प्रो. दुबे ने अपने पिछले दो साल के कार्यकाल में परिसर में हुए विकास कार्यों एवं समय समय पर आयोजित विविध कार्यक्रमों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वे सभी कार्यक्रम विवि परिवार के सदस्यों की एकजुटता के परिणामस्वरूप बहुत अच्छी तरह से क्रियान्वित किए जा सके। उन्होंने कहा कि सामूहिक रूप से एक साथ मिलकर किए गए प्रयास जीवन के हर क्षेत्र में अपना खास रंग दिखाते हैं। बाइसवें दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति श्रीराम नाईक की ओर से मिली सराहना का जिक्र करते हुए उन्होंने अपनी उपलब्धि का श्रेय शिक्षकों, कर्मियों और अधिकारियों की कार्य निष्ठा और लगन को दिया। उन्होंने विश्वविद्यालय को देश के अग्रणी विश्वविद्यालयों की कतार में लाने के लिए कुछ गंभीर पहल शुरू करने के संकेत भी दिए। साथ ही यह भी कहा कि आने वाले दिनों में स्ववित्त पोषित शिक्षकों एवं कर्मियों के वेतन में उचित बढ़ोत्तरी के प्रयास भी वे अपने स्तर से करेंगे। प्रो. दुबे ने विश्वविद्यालय की पेयजल संबंधी जरूरत को पूरा करने के लिए जिला प्रशासन की मदद से कुछ विशेष प्रबंध करने का भरोसा भी दिलाया। उन्होंने कहा कि इस संबंध में जिला प्रशासन और केंद्रीय मंत्री उमा भारती के प्रतिनिधि से उनकी बातचीत हुई है। शीघ्र ही एक कार्य योजना पर काम शुरू कराने पर बातचीत चल रही है। उम्मीद है कि परिसर को आने वाले समय में जल संकट से नहीं जूझना होगा। उन्होंने विवि के सभी कार्मिकों को निष्ठा एवं समर्पण से अपना कार्य पूरा करने की सलाह देते हुए अपनी बात पूरी की। इस मौके पर प्रो. दुबे ने बताया कि अगले महीने दिसंबर में विवि में रोजगार मेले का आयोजन भी किया जाएगा। इस मेले में कई बड़ी कंपनियों के आने की उम्मीद है।
इससे पहले वित्त अधिकारी धर्मपाल ने बताया कि केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने विश्वविद्यालय की पेयजल समस्या को निपटाने का भरोसा दिलाया था। इस संबंध में क्या प्रगति हुई इस ओर निरंतर ध्यान रखने की जरूरत है। उन्होंने बुविवि को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिलाने की खातिर समुचित पैरवी की जरूरत भी बताई। कुलसचिव सीपी तिवारी ने विवि के बाइसवें दीक्षांत समारोह से हासिल हुए अनुभवों का जिक्र करते हुए अपने विचार रखे। उन्होंने भी विवि के कर्मियों एवं शिक्षकों को अच्छे ढंग से कार्य करने के लिए बधा दी। कार्यक्रम का संचालन कुलानुशासक प्रो. एम एल मौर्य ने किया। अंत में प्रो. एसपी सिंह ने आभार जताया। इस कार्यक्रम में प्रा.े वीके सहगल, डीएसडब्ल्यू प्रा.े सुनील काबिया, प्रो. एमएस खान, प्रो. अपर्णा राज, प्रो. देवेश निगम, प्रा.े प्रतीक अग्रवाल, डा.डीके भटट्, डा. मुन्ना लाल तिवारी, डा. यशोधरा शर्मा, डा. गजाला रिज्वी, डा. रेखा लगरखा, डा. सीपी पैन्यूली, डा. कौशल त्रिपाठी, जय सिंह, उमेश कुमार, डा. इकबाल खान, डा. मुहम्मद नईम, डा. नेहा मिश्र, डा. श्वेता पाण्डेय, इंजी. राहुल शुक्ल, उमेश शुक्ल, अभिषेक कुमार, राघवेंद्र दीक्षित, सतीश साहनी, आर्किटेक्ट संदीप मिश्रा, प्रदीप यादव, दीपक तोमर, अनिल बोहरे समेत सभी विभागों के शिक्षक एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

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