नई दिल्ली 10 सितंबर आज जिस तरह से कांग्रेसने डीजल और पेट्रोल के मुद्दे को लेकर भारत बंद का आव्हान किया और उसके देश के विभिन्न राज्यों में व्यापक समर्थन मिलने की जो तस्वीर सामने आई है, उसमें कहीं ना कहीं नरेंद्र मोदी के उस बोल को उजागर कर दिया है जिसमें उन्होंने महागठबंधन को नेतृत्वहीन और बिना नियत वाला बताया था।
कांग्रेस की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध भाजपा की कार्यकारिणी की बैठक में दिए गए भाषण में विपक्ष को नेतृत्वहीन बताने के 24 घंटे के अंदर ही मुंहतोड़ जवाब देने की रणनीति लगभग सफल होती नजर आ रही है। बंद को लेकर जिस तरह से कांग्रेस ने 21 छोटे दलों का समर्थन प्राप्त किया है उससे उसकी रणनीति बनाने वाले अपनी पीठ थपथपाने का प्रयास जरुर करेंगे।
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम लिए महागठबंधन पर निशाना साधा था उन्होंने कहा था कि महागठबंधन बिना नेतृत्व और बिना नियत के है इसलिए 2019 में बीजेपी के सामने कोई चुनौती नहीं है ।
राजनीतिक जानकार मान रहे हैं कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस प्रकार के बोल पार्टी को भारी पड़ सकते हैं । यह बोल विपक्ष को एक प्लेटफार्म पर लाने के लिए पूरी कवायद करवा सकते हैं।
कांग्रेस के नेतृत्व में आज भारत बंद में एनसीपी, डीएमके, सपा, जेडीएस, बसपा, टीएमसी, आरजेडी, सीपीआई, सीपीएम, एआईडीयूएफ, नेशनल कांफ्रेंस, झारखंड मुक्ति मोर्चा, झारखंड विकास मोर्चा, आप, टीडीपी, केरला कांग्रेस, आरएसपी, आईयूएमएल, शरद यादव की पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल, राजू शेट्टी की स्वाभिमानी शेतकरी पार्टी और हिंदुस्तान अवाम पार्टी (हम) का समर्थन हासिल है.