नई दिल्ली 21 सितंबर भाजपा अध्यक्ष मायावती ने एक चौकाने वाले फैसले में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस से अलग हुए अजीत जोगी की पार्टी के साथ गठजोड़ कर लिया है ।मायावती का यह फैसला राहुल गांधी के उन प्रयासों को झटका है जिसमें वह भाजपा के साथ गठबंधन के लिए आगे बढ़ रहे थे। राजनीतिक जानकार मान रहे हैं कि मायावती का यादव किन राज्यों में होने वाले चुनाव के अलावा 2019 में होने वाले आम चुनाव में कांग्रेश के समीकरण बिगाड़ सकता है।
आपको बता दें कि इसी साल अक्टूबर में राजस्थान मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में चुनाव होना है। पिछले 15 साल से छत्तीसगढ़ में रमन सिंह की सरकार है कांग्रेश इन तीनों ही राज्यों में वापसी के लिए पूरी कोशिश कर रही है ऐसे में भाजपा का यह दाव कांग्रेश के लिए भारी पड़ता नजर आ रहा है।
बसपा-कांग्रेस एक साथ मिलकर चुनावी जंग में उतरते तो राज्य की राजनीतिक तस्वीर बदल जाने की संभावना थी. 2013 में बसपा और कांग्रेस एक साथ मिलकर उतरते तो नतीजे अलग होते. बीजेपी को 11 सीटों का नुकसान उठाना पड़ता और 38 सीटें मिलतीं. जबकि कांग्रेस-बसपा गठबंधन 51 सीटों के साथ सत्ता पर काबिज हो जाता.
यही वजह थी कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष लगातार बसपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की बात रह थे, लेकिन बाजी कांग्रेस से बगावत कर अलग पार्टी बनाने वाले अजीत जोगी के हाथ लगी है.
राजनीतिक जानकार मान रहे हैं कि मायावती उत्तर प्रदेश में भी अकेले दम पर चुनाव मैदान में उतरने का ऐलान कर सकती हैं। ऐसे में 2019 में होने वाले आम चुनाव में कांग्रेस के महागठबंधन को भाजपा की ओर से दिए जा रहे झटके के बाद यह सवाल उठेगा कि क्या विपक्ष भाजपा का सामना कर पाएगा।
जानकारी अभी कह रही है कि मायावती का चुनावी गणित अपने हिसाब से चल रहा है। वह राजनीति के राष्ट्रीय पटल पर आने के लिए खुद को साबित करने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती हैं।
जोगी और माया के बीच हुए गठजोड़ में बसपा के खाते में 35 सीटें आई हैं तो जोगी की सीट 55 तक पहुंच गई है।