बहराइच 19 दिसम्बरः पिछले 11 साल से न्याय के लिये चक्कर लगा रहे युवक ने आखिर जिलाधिकारी के सामने ही जहर खा लिया। हालत बिगड़ने पर उसे अस्पताल मे भर्ती किया गया।
नानपारा तहसीलदार विपक्षियों का पक्ष लेते हुए न्याय देने में रोड़े अटका रहे हैं। सल्फास खाने के बाद युवक की हालत गंभीर होते देख जिलाधिकारी ने तत्काल युवक को जिला अस्पताल पहुंचाकर भर्ती कराया। साथ ही मामले के जांच के आदेश दिए हैं। इस घटना से हड़कंप की स्थिति रही।
नानपारा तहसील अंतर्गत कोटवा गांव निवासी योगेंद्र कुमार सोनकर उर्फ मुकेश सोमवार दोपहर बाद अपनी मां शांती देवी पत्नी स्वर्गीय रामकुमार के साथ कलेक्ट्रेट स्थित जिलाधिकारी अजयदीप सिंह के कार्यालय पहुंचा। अन्य पीड़ितों की तरह उसने भी मां के साथ डीएम के सामने पहुंचकर फरियाद की। कहा कि सितंबर 2006 में उसकी कृषि योग्य भूमि पर मेड़बंदी की गई। जिसे विपक्षी मेवालाल व लक्ष्मीनरायन ने तोड़कर कब्जा कर लिया। विवाद चलता रहा।
योगेंद्र का कहना है कि एसडीएम नानपारा के आदेश पर मेड़बंदी हुई। लेकिन विपक्षियों ने मेड़ तोड़कर छप्पर रख लिया। उसने जिला स्तर पर पैरवी शुरू की। लेकिन न्याय नहीं मिला। 14 दिसंबर को वह अपनी मां के साथ तहसीलदार कार्यालय पहुंचा। वहां पर तहसीलदार घनश्याम ने अभद्रता की। इतना कहने के बाद योगेंद्र ने डीएम के सामने अपनी जेब से सल्फास की गोलियां निकालकर खा लीं। पल भर में घटित घटना से डीएम भी अवाक रह गए। उन्होंने अपनी कार से उसे जिला अस्पताल पहुंचाया।