नई दिल्ली 19 जून जम्मू कश्मीर में गठबंधन की सरकार से अलग हुई BJP ने अलग होने को लेकर कई कारण गिनाए हैं ।अध्यक्ष अमित शाह ने दिल्ली में पार्टी के बड़े नेताओं से मुलाकात के बाद यह फैसला किया है।
बताया जा रहा है कि घाटी में सीज फायर को लेकर दोनों दलों के बीच मतभेद थे। पीडीपी चाहती थी कि सीजफायर का अभी विराम ना किया जाए और हुर्रियत नेताओं से बात हो जबकि BJP इसके लिए कतई सहमत नहीं थी ।इसके अलावा घाटी में सुरक्षा बलों के साथ पत्थरबाजी को लेकर भी BJP में गुस्सा था।
आपको बता दें कि जम्मू में चुनाव के दौरान जब किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला तब बीजेपी ने पीडीपी के साथ बाहर से समर्थन देकर एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम तैयार किया इसके बाद घाटी में गठबंधन की सरकार चल रही थी बताते हैं कि सरकार और बीजेपी के बीच लंबे समय से तनातनी चल रही थी ।
आरोप लग रहे थे कि विकास कार्यों को लेकर भी BJP की अनदेखी की जा रही है । सूत्रों का कहना है कि घाटी की हालात पिछले कुछ दिनों से काफी बिगड़ गए थे इसको लेकर विपक्ष मोदी पर निशाना साध रहा था कांग्रेस ने तो यहां तक कह दिया घाटी में BJP आने के बाद तबाही हुई है।
बीजेपी महासचिव राम माधव ने इसकी जानकारी देते हुए कहा, ‘पीडीपी के इरादों पर सवाल नहीं है, लेकिन राज्य सरकार विफल रही है. जम्मू और लद्दाख के विकास में बीजेपी के मंत्रियों को अड़चनें आती रहीं. कई विभागों में काम के लिहाज से जम्मू और लद्दाख के साथ भेदभाव जनता महसूस करती रही.’
राज्यपाल शासन से सुधरेगी हालत!
उन्होंने कहा, ‘ देश की अखंडता और सुरक्षा के व्यापक हितों को देखते हुए, कश्मीर को देश का अखंड हिस्सा मानते हुए बीजेपी ने यह निर्णय लिया है और राज्य में गवर्नर का शासन लाकर परिस्थिति में सुधार किया जाए.’