झांसी बिल्डर और चर्चित व्यापारी संजय वर्मा पर हुए आज कातिलाना हमले में हमलावर के पेशावर होने के Andaaz को इसी बात से समझा जा सकता है कि उन्होंने संजय को अपने बचाव में हथियार चलाने का मौका तक नहीं दिया । वह उन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाते रहे। घटना के समय कचहरी चौराहा गोलियों की आवाज से गूँजता रहा और वहां अफरा तफरी मच गई।
संजय वर्मा की रंजिश जगजाहिर है । एक मामले में कोर्ट में तारीख के लिए उन्हें आना था। आमतौर पर संजय अपने साथ लाइसेंसी हथियार रखते हैं । इतना ही नहीं उनके साथ चलने वाले बॉडीगार्ड भी हथियार से लैस होते हैं । जिस जगह और जिस अंदाज में हमला हुआ उसमे हमलावरों ने संजय वर्मा को एक पल के लिए भी यह मौका नहीं दिया कि वो अपने बचाव में हथियार निकाल सके।
पुलिस प्रशासन हमले के बाद इस संभावना पर जांच कर रहा है कि संजय की सरदार सिंह के साथ चल रही रंजिश को लेकर कहीं यह सारी पटकथा तो नहीं लिखी गई । जानकार बताते हैं कि सरदार सिंह को इस बात का भय है कि उसकी जेल में हत्या की जा सकती है।
संजय और सरदार के बीच चल रही दुश्मनी का अंत पुलिस को भी नजर नहीं आ रहा है आज की सनसनीखेज वारदात में पुलिस के सामने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि कही इस वारदात के बाद कोई दूसरी घटना ने हो जाए।