झांसीः बुजुर्ग लोग कहते हैं यह क्या जमाना आ गया है, जमाना तो वह था सब सोलह सेर का अनाज मिलता था।
युवा वर्ग कहता है कि अभी क्या है, अब देखना कि आगे क्या जलवा बिखेरता हूं।
मतलब वर्तमान की पूछ कोई नही करता है।
विद्वान जन सही कहते हैं कि वर्तमान को पूरे दिल से जियो.. और ये सही बात है।
साथ ही ईश्वर को धन्यवाद देना भी शुरू करें
प्रभु को धन्यवाद करने के लिए कुछ बिन्दु रख रहा हूँ यदि अच्छे लगें तो आज से ही आरंभ करें
मैंने जिन बिन्दुओं को महसूस किया है कि ईश्वर का धन्यवाद किया जाना चाहिए
- बहुत तेज बारिश हो रही हो और आपके पास जाने के लिए साधन है, जिससे बिना भीगे गंतव्य तक पहुंच सकते हैं, तो इस मौके पर ईश्वर का धन्यवाद करना सर्वाधिक उपयुक्त है कि प्रभु की कृपा से बिना अवरोध के गंतव्य तक पहुंच सके, साथ ही जब बारिश में भीगते लोगों को देखकर और भी अधिक धन्यवाद किया जा सकता है। प्रभु की कृपा प्राप्त होना भी महसूस कीजिए, यदि संभव हो तो किसी अन्य को भी अपने साधन के जरिए भीगने से बचा सकते हैं।
- कभी-कभी बहुत ही अच्छा भोजन प्राप्त होता है, उस समय भूखे लोगों को याद करते हुए प्रभु का धन्यवाद करना चाहिए कि बड़ी कृपा है कि हम लोगों ने सुस्वादु भोजन का आनंद लिया , साथ ही कुछ करुणा भी कीजिए ताकि खुद के साथ किसी अन्य जरूरतमंद को भी भोजन करा सकें, ये भी उस मालिक की एक नियामत का रूप ही है
- इसी प्रकार से सर्दी में गर्म कपड़ों का आश्रय भी प्रभु कृपा ही है
- गर्म मौसम में शीतलता के साधन भी प्रभु को धन्यवाद करने के कारण हैं
- जब मिलने वाले लोग आपको सम्मान दें तो यह भी बिना ईश्वरीय कृपा के असंभव है
- लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद भी किसी समारोह के निर्विघ्न संपन्न न हो पाना मात्र प्रभु कृपा की न्यूनता का उदाहरण है, इसलिए प्रार्थना कीजिए कि हे प्रभु कृपा बनी रहे
जीवन ही उसकी देन है
समर्पण ही जीवन है
सत्कर्म करते रहिए और हर परिस्थिति का आनंद लेने का प्रयास कीजिए
हां थोड़ी महत्वाकांक्षा भी जिंदा रखिए ताकि आगे बढ़ने का उद्देश्य बना रहे