नई दिल्ली 20 मार्चः अपना देश महान है। जनता परेशान है। सरकार चाहे किसी को हो, नेता अपना उल्लू सीधा करने की कला मे पारंगत है। यही कारण है कि मौका मिला नहीं कि चैन की नींद सो जाते।
देश और प्रदेश मे सरकारे चुनाव मे जीत को लेकर गणित बनाती है। योजनाओ का खाका तैयार किया जाता है। चंद नेताओ को छोड़ दे, तो अधिकांश बेफिक्र है कि किसी के लिये कुछ करना है।
ताजा उदाहरण यूपी का ले ले। यहां बीते दिनो हुये उप चुनाव मे बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा। मजाल है कि किसी नेता के चेहरे की नींद उड़ी हो।
यह नेता बैठक मे पहुंचते ही खर्राटे भरने लगते हैं। नेताओ की नींद को लेकर राजनैतिक जानकार मानते है कि यह उनकी अदा है। इससे पब्लिसिटी के अलावा अपना अंदाज दिखाने का मौका मिलता है।
पूछे जाने पर यही कहेगे कि वो बाते ध्यान से सुन रहे थे। आंखे बंद थी, लेकिन मन मंच से बोलने वाले की तरफ था।
यहां सवाल यह नहीं है कि नेता सोते क्यो है। सवाल यह है कि प्रधानमंत्री मोदी दावा करते हैकि वो चैबीस घंटे मे सिर्फ चार घंटे नींद लेते हैं। मोदी सहित अन्य ऐसे कई नेता है, तो दिनचर्या पर विशेष ध्यान देते हैं, लेकिन दूसरी पायदान के नेता ऐसा नहीं कर पाते।
चित्र मे आपको यूपी के बड़े नेता नजर आएंगे।यह बैठक मे ऐसे सो रहे, जैसे उनहे देश दुनिया की चिंता ही नहीं है। इसलिये तो कहा गया है कि अपना भारत महान, नेता वही जो सोने को लेकर नहीं हो परेशान।
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