*मध्य प्रदेश में हर दिन 28 महिलाएं और 3 बच्चियां हो रही लापता,*
*पिछले 3.5 साल के चौंकाने वाले आंकड़े आये सामने.*
*महिलाओं की गुमशुदगी के केवल 724 प्रकरण दर्ज किए गए हैं, जो कुल मामलों का केवल 3 फीसदी ही है.*
*Bhopal, MP …*
मध्य प्रदेश में लापता महिलाओं और लड़कियों को लेकर एक बेहद ही चौंकाने वाला डेटा सामने आया है, जिसके मुताबिक मध्य प्रदेश में हर दिन 28 महिलाएं व 3 बच्चियां लापता हो रही हैं. 1 जुलाई 2021 से 31 मई 2024 2024 के बीच प्रदेश में आधी आबादी से 31,801 गुमशुदा हो गए हैं, जिसमें 28,857 महिलाएं और 2,944 लड़कियां हैं.
ये रिपोर्ट एक शीर्ष न्यूज पोर्टल “NDTV, MP, Chhattisgarh” ने प्रकाशित किया है.
*उज्जैन जिले में चौंकाने वाले आंकड़े*
सबसे चौंकाने वाला मामला उज्जैन जिले का है, जहां पिछले 34 महीनों में एक भी गुमशुदगी का प्रकरण दर्ज नहीं किया गया, जबकि इसी अवधि में 676 महिलाएं गायब हुई हैं. मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक और धार्मिक नगरी के रूप में विख्यात उज्जैन में 2028 में सिंहस्थ कुंभ का आयोजन होना है.
*सागर और इंदौर में भी गंभीर स्थिति*
आंकड़ों के मुताबिक सागर जिले से सबसे ज्यादा 245 बच्चियां और इंदौर से सबसे ज्यादा 2,384 महिलाएं गायब हैं. वहीं, ग्वालियर में भी 214 महिलाएं पिछले एक महीने से ज्यादा समय से लापता हैं, लेकिन इसके बाद पुलिस ने सिर्फ 3 मामले ही दर्ज प्रकरण ही पंजीकृत किए हैं.
*सागर और इंदौर में भी गंभीर स्थिति*
आंकड़ों के मुताबिक सागर जिले से सबसे ज्यादा 245 बच्चियां और इंदौर से सबसे ज्यादा 2,384 महिलाएं गायब हैं. वहीं, ग्वालियर में भी 214 महिलाएं पिछले एक महीने से ज्यादा समय से लापता हैं, लेकिन इसके बाद पुलिस ने सिर्फ 3 मामले ही दर्ज प्रकरण ही पंजीकृत किए हैं.
*गृह विभाग द्वारा जारी किए आंकड़े*
कांग्रेस MLA और पूर्व गृहमंत्री बाला बच्चन ने महिलाओं व लड़कियों की गुमशुदगी के बारे में गृह विभाग से सवाल किया था, जिसके जवाब में सीएम डॉ मोहन यादव ने बताया कि प्रदेश में 22 जिलों में एक भी गुमशुदगी का केस दर्ज नहीं है, इनमें भोपाल ग्रामीण, मुरैना, बुरहानपुर, बड़वानी, दतिया शामिल हैं.
Lucknow…
हाथरस की घटना की जांच न्यायिक आयोग को दी गई.
हाईकोर्ट के सेवानिवृत जज ब्रजेश कुमार की अध्यक्षता में बनी कमेटी करेगी जांच.
राज्यपाल के निर्देश पर आयोग गठित.
रिटायर्ड आईएएस हेमंत राव और रिटायर्ड आईपीएस भावेश कुमार आयोग के सदस्य बनाये गये.
आयोग दो माह में जांच कर राज्य सरकार को रिपोर्ट देगा.
जांच में घटना के सारे पहलू शामिल.
आयोग का मुख्यालय लखनऊ रहेगा…