एक मार्मिक स्टोरी- मां जैसा कोई नहीं
रवि त्रिपाठी झांसीः यह कहानी थोड़ी पुरानी है। आज भी जब इस कहानी को याद करता हूं, तो आंखे छलक आती हैं। जिस समय हमारे कैमरामेन ने इस छाया चित्र को खींचा, उस समय मैं मौके पर था। वो दृश्य आज भी आखो के सामने आ जाता है। विचार उठता है कि क्या कभी दुनिया…