समाज का सबसे बड़ा विकार, परिवारों से खत्म होते संस्कार- डॉ० संदीप सरावगी रिपोर्ट: अनिल मौर्य
झांसी। प्राचीन काल में संस्कारों की संख्या भी लगभग चालीस थी। जैसे-जैसे समय बदलता गया, व्यस्तता बढती गई जिस कारण संस्कार स्वतः विलुप्त हो गये। जिसे लेकर झोकन बाग स्थित एस. एम टावर संघर्ष सेवा समिति कार्यालय पर संस्थापक समाज से विलुप्त हो रहे संस्कारों को पुनः स्थापित करने हेतु गोष्ठी का आयोजन किया गया।…