आखिर 11 लोगो की मौत का राज क्या है?

नई दिल्ली 1 जुलाई। दिल्ली के बुराड़ी इलाके में जिस मकान से 11 लोगों की लाशें मिली है उस मकान के अंदर का दृश्य बड़ा ही भयावह था।  10 लोगों की लाशें फंदे पर लटकी थी एक जमीन पर उल्टी पड़ी थी । श्क हंसता खेलता परिवार कैसे मौत के मुंह में समा गया इस बात का पड़ोसियों को भी यकीन नहीं हो रहा है।

वो खुद नहीं समझ पा रहे हैं कि जिस  परिवार से कभी तेज आवाज  नही सुनी वो  परिवार कैसे मौत के मुंह में समा गया?

बताते है कि आज सुबह जब ये खबर आई कि बुराड़ी इलाके में एक मकान में 11 लोगो की लाशें मिली, तो हड़कंप मच गया।

पोलिस के अनुसार 75 साल की नारायण घर की मुखिया थीं. उनके दो बेटे थे, बड़ा बेटा 46 साल का भूपी और छोटा 42 साल का ललित. उनकी 60 साल की विधवा बेटी और 30 साल की नातिन भी साथ रहती थी. बड़े बेटे भूपी की 42 साल पत्नी थी. भूपी की दो बेटियां और एक 12 साल का बेटा था, जबकि ललित की 38 साल की पत्नी और 12 साल का बेटा भी था. इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और दिल्ली बीजेपी के प्रमुख मनोज तिवारी ने घटनास्थल का दौरा किया.

हंसते-खेलते पूरे परिवार के इस तरह से खत्म होने पर हर कोई हैरान है. पड़ोसियों को यकीन नहीं हो रहा, पड़ोसी ने कभी परिवार को लड़ते झगड़ते नहीं देखा. कभी घर से शोर-शराबे की आवाजें नहीं आई. कभी परिवार को लोगों को बदतमीजी करते नहीं देखा. आस-पड़ोस से कोई दुश्मनी नहीं थी. किसी से कोई दुश्मनी की खबर भी नहीं सुनी.

दरअसल, पूरा परिवार बुराड़ी के में पिछले 23 सालों से रहता था. दोनों भाइयों की दुकानें थी. एक भाई परचून की दुकान चलाता था, जबकि दूसरा प्लाइवुड का धंधा करता था. सुबह-सुबह 6 बजे जब परचून की दुकान नहीं खुली तो पड़ोसी घर पहुंची, और जब खिड़की से अंदर झांका तो उसके होश उड़ गए.

एक साथ पूरे परिवार की मौत से हर कोई हैरान है. रिश्तेदारों का रो-रो कर बुरा हाल है, उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि आखिर कौन सी आफत आ गई. क्या मुसीबत थी. बुजुर्ग महिला का तीसरा बेटा दिनेश राजस्थान के चित्तौड़ में रहता है, वहां वो सिविल कॉन्ट्रेक्टर है. जिसे सूचना दे दी गई है.

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