Headlines

आधार के किस सेक्शन के रद्द होने से निजी कंपनियों की मनमानी पर रोक लगी

20 सितंबर सुप्रीम कोर्ट ने आधार के मामले में दिए फैसले में बहुत सी चीजें साफ की हैं कोर्ट ने जहां आधार को पहचान माना है तो वहीं उसकी अनिवार्यता और उपयोग को लेकर फैसले दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सर्वश्रेष्ठ होने के लिए मुकाबले में बेहतर होना जरूरी है। कोर्ट ने आधार को पहचान माना है कोर्ट ने कहा कि आधार से आम आदमी को काफी मजबूती मिली है

सुप्रीम कोर्ट ने आधार के कानून के प्रावधान 57 को रद्द कर दिया है इसके बात से निजी कंपनियां मनमानी नहीं कर सकेंगे। आपको बता दें कि निजी कंपनियां किसी भी सर्विस को देने से पहले आधार कार्ड की मांग करती हैं खासकर मोबाइल सर्विस के मामले में।
न्यायमूर्ति ए के सीकरी ने प्रधान न्यायाधीश, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और अपनी ओर से फैसला सुनाते हुए कहा कि आधार के खिलाफ याचिकाकर्ताओं के आरोप संवैधानिक अधिकारों के उल्लंघन पर आधारित हैं, जिनके कारण राष्ट्र शासकीय निगरानी वाले राज्य में बदल जायेगा.
आपको बता दें कि निजी कंपनियां इस सेक्शन की लिए लोगों से आधार की मांग करती थी इतना ही नहीं कई कंपनियों ने तो यह कह रखा था कि निश्चित अवधि में आधार को लिंक ना करने पर उनकी मोबाइल सेवाएं समाप्त कर दी जाएंगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *