झांसीः बाजार को अतिक्रमण मुक्त करने की कवायद को बार-बार लग रहे झटको से साबित हो गया कि ना तो झांसी के दुकानदार अच्छा होने का प्रयास करेगे और ना ही अधिकारियो को इसकी जरूरत है। ऐसे मे हालात जैसे है वैसे ही बने रहेगे?
यह झांसी का दुर्भाग्य ही है कि यहां जनप्रतिनिधि, सरकारी अधिकारी विकास की राह पर चलने मे कतराते हैं। शायद इसका मुख्य कारण यह है कि पिछले कई सालो से एक ही ढरे पर जी रहे दुकानदार जैम को अपनी आदत मे शुमार कर चुके हैं।
स्मार्ट सिटी का डंका पीटने वाले व्यापारी संगठन, सरकारी अमला और जनप्रतिनिध नगर के विकास की कोई रूपरेखा तैयार नहीं कर पाये। चाहे वो बाजार को सुन्दर बनाना हो गया फिर ओवरब्रिज को पूरा करवाना।
जनप्रतिनिधियो को चुनाव मे मैदान मे आते समय तनिक भी संकोच नहीं होता। इसी प्रकार अधिकारी अपनी व्यस्तता को विकास के मुददे पर फुर्सत मे नहीं पा सकते।
आपको बता दे कि बाजार मे अतिक्रमण को लेकर पिछले दिनो तय हुआ था कि अधिकारियो की टीम अतिक्रमण करने वालो का चालान काटेगी। दो दिन बीतने के बाद भी अधिकारियो को समय नहीं मिल पा रहा। सबसे बड़ा सवाल यह है कि कयो दुकानदार अपनी आदत मे बदलाव नहीं ला पा रहे? उन्हे दुकान को हद से बाहर ले जाने मे क्या मजा आता है?
सवाल तो बहुतेरे है। यहां लोगो को इस बात का इंतजार है कि क्या कभी झांसी स्मार्ट सिटी के सपनो को जीते हुये उसे हकीकत मे बदलते देख सकेगी?