नई दिल्ली 5 जनवरीः राज्यसभा मे तीन तलाक बिल पास ना होने को लेकर मुस्लिम महिलाओ ने आज विरोध किया। महिलाओ ने प्रदर्शन किया। महिलाओ को कहना है कि यह बिल हमारी आजादी के लिये है। इसके पास ना होने देने के लिये राजनैतिक दल दोषी है।
शाम करीब 5.30 बजे राज्य सभा में तीन तलाक बिल पर बहस शुरू हुई. बहस की शुरुआत में सपा ने सभापति से कहा कि वह बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने का प्रस्ताव मंजूर करें ताकि पूरे सदन की राय पता चल सके.
इसके बाद सदन में विपक्ष के नेता ने कहा, ‘जो बिल लाया गया है, हम सब उसके खिलाफ हैं. अगर ये बिल मुस्लिम महिलाओं के नाम पर लाया गया है, पर इसमें जो प्रावधान हैं वे मुस्लिम महिलाओं को खत्म करने के लिए लाए गए हैं. उनके पति को जेल में डाल कर, जब तक पति जेल में रहेगा उसका खर्चा कौन देखेगा, उसे कौन खिलाएगा. सरकार ऐसा प्रावधान लाए, सरकार खर्चा देगी, ऐसा प्रावधान देगी.’
इसके जवाब में सदन के नेता ने कहा कि लाए गए दोनों प्रस्ताव वैध नहीं है. इसके बाद ही सदन में हंगामा शुरू हो गया.
कहा, ‘जो प्रस्ताव आए वो 24 घंटे पहले आने चाहिए थे, नहीं आए. पहली आपत्ति है कि रिजल्यूशन कहता है कि हम नाम देंगे और बाकी के नाम ले लिए जाएंगे. सेलेक्ट कमेटी एक होनी चाहिए जो हाउस के कैरेक्टर को प्रजेंट करे. दोनों प्रस्ताव हाउस के कैरेक्टर को रिप्रजेंट नहीं करते.’
उन्होंने आगे कहा, ‘सेलेक्ट और ज्वाइंट कमेटी अगर एक तरफा नाम देती है तो यह वैध नहीं है. एक सेलेक्ट कमेटी को विधेयक पर काम करना होता है, विपक्ष के नेता चूंकि कहते हैं कि अपोजिशन के ज्यादातर नेता बिल के खिलाफ हैं जो कि नहीं हैं.’