पटना 20 मार्चः भागलपुर मे 17 मार्च को नाथनगर मे दो पक्ष के बीच हुआ विवाद अब समाप्त हो गया है। इस मामले मे मंत्री अश्वनी चैबे ने अपने बेटे का पक्ष लिया और कहा कि उन्हे इस बात का गर्व है कि उनका बेटा आरएसएस का सेवक है। गौरतलब है कि हिंसा के मामले मे उनका बेटा आरोपी है।
यही नहीं अश्विनी कुमार चौबे ने पुलिस पर आरोप लगाया कि, कुछ अराजक तत्वों ने यात्रा में खलल डालने की कोशिश की थी, लेकिन वह उन्हें पकड़ने में असमर्थ हंस और वे शोभायात्रा को दोषी ठहरा रहे हैं। प्रशासन अंधा हो गया है। आपको बता दें कि इससे पहले अपने बेटे का पक्ष लेते हुए अश्विनी चौबे ने कहा था कि, मेरा पुत्र तो हजारों-लाखों में है। मुझे गर्व है कि अर्जित मेरा पुत्र है। पार्टी का एक वरिष्ठ सहयोगी कार्यकर्ता होने के नाते उसने भारतीय नव वर्ष पर भारत माता की झांकी व शोभायात्रा निकाली। जहां तक बात है कि प्रशासन से अनुमति नहीं ली गई थी।
अश्विनी चौबे ने कहा था कि भारत में रह कर वंदे मातरम और हे राम कहना गुनाह है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है। यह राम की धरती है और भारत माता की शोभायात्रा निकालना किसी तरह का गुनाह नहीं है। अगर यह सांप्रदायिक बात है तो महात्मा गांधी भी सबसे बड़े सांप्रदायिक थे। गांधी जी मरते-मरते भी हे राम कह कर ही इस धरती को छोड़ कर गए थे।