नई दिल्ली 27 दिसम्बरः गुजरात चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री मन मोहन सिंह को लेकर दिये गये बयान से उपजा विवाद आज दो लाइन के बयान के बाद समाप्त हो गया। यानि दोनो दलो ने ना हम जीते, ना तुम हारे की तर्ज पर बीच का रास्ता निकाल लिया।
राज्यसभा और लोकसभा में पूर्व प्रधानमंत्री मन मोहन सिंह को लेकर हो रहे हंगामे और माफी की जिद की गूंज पिछले कुछ दिने से सुनायी दे रही थी।
कांग्रेस ने मनमोहन सिंह और हामिद अंसारी के लिये माफीनामा मांगने की दुहाई देते हुये सदन को ना चलने देने की जिद बना ली थी। सरकार झुकना नहीं चाहती थी।
इसलिये बीच का रास्ता यह निकाला गया कि राज्यसभा मे सदन के नेता वित्तमंत्री अरूण जेटली ने कि हमारी किसी के प्रति सम्मान कम करने की कतई मंशा नहीं है। पूर्व प्रधानमंत्री मन मोहन सिंह की निष्ठा पर कोई सवाल नहीं उठाया।
बस, इसके बाद कांग्रेस ने भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर अभी, पिछले दिनो और आने वाले दिने मे किसी प्रकार का गलत बयान ना देने की बात कही। दोनो पक्ष के इस फार्मूले से सदन के आगे बढ़ने का रास्ता साफ हो गया है।