नई दिल्ली 21 दिसम्बरः देश के सबसे चर्चित घोटाले मे से एक कहे जाने वाले टू जी मामले मे आज सीबीआई की अदालत ने सभी आरोपियो को बरी कर दिया। इसको लेकर सीबीआई से कहां चूक हो गयी, यह जानने की सभी को उत्सुकता है।
जस्टिस ओ पी सैनी ने अपना फैसला सुनाते हुये कहा कि अभियोजन पक्ष मामले मे दो पक्ष के बीच पैसो का लेनदेन साबित नहीं कर सका।
सीएजी के रिपोर्ट में यह दावा भी किया गया कि यदि स्पेक्ट्रम लाइसेंस का यह आवंटन समय से और नीलामी के आधार पर किया जाता को केन्द्र सरकार की कमाई में कम से कम एक लाख 76 हजार करोड़ रूपयों का इजाफा होना तय था.
लेकिन सीबीआई ने सीएजी के 1 लाख 76 हजार करोड़ रुपये के नुकसान से इतर 30,984 करोड़ रुपये के नुकसान की बात कोर्ट में कही. जिसके बाद 2012 में ए राजा के कार्यकाल में आवंटित सभी टेलिकॉम लाइसेंस को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द करते हुए राजा के खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश दिया था. राजा पहले ही नवंबर 2010 में टेलिकॉम मंत्री के पद से इस्तीफा दे चुके थे और सीबीआई जांच के बीच राजा को फरवरी 2011 में जेल भेज दिया गया. राजा को 15 महीने जेल में रहने के बाद मामले में जमानत दी गई थी.