अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विभिन्न क्षेत्रों में कार्य हेतु महिलाओं को किया सम्मानित संदीप सरावगी रिपोर्ट: अनिल मौर्य

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य हेतु महिलाओं को किया सम्मानित

सशक्त राष्ट्र निर्माण हेतु महिलाओं का उत्साहवर्धन करना पुरुषों का कर्तव्य- डॉ० संदीप

झाँसी। प्रत्येक वर्ष 8 मार्च के दिन विश्व भर में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। इस विशेष दिन को दुनिया भर की महिलाओं के अधिकारों और उपलब्धियों के सम्मान के रूप में याद किया जाता है। इस अवसर पर संघर्ष सेवा समिति एवं सनशाइन क्लब के तत्वाधान में झोकन बाग स्थित संघर्ष सेवा समिति कार्यालय पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया। सर्वप्रथम संघर्ष महिला संगठन की अध्यक्ष सपना सरावगी द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित सभी महिलाओं का तिलक कर माल्यार्पण किया गया एवं शॉल व श्रीफल देकर उन्हें सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में शिक्षा क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य हेतु बुंदेलखंड महाविद्यालय में प्रोफेसर डॉ० ज्योति वर्मा व प्रोफेसर डॉ० दीपशिखा मित्तल, ज्ञान स्थलीय शिक्षण समूह की संचालिका डॉ० अर्चना गुप्ता व केंद्रीय विद्यालय की लेक्चरर रंजना उपाध्याय, समाजसेवा क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु डॉ० केश गुप्ता व नीता माहौर, पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु सरिता सोनी व आयुष मंत्रालय की सदस्य, समाजसेविका व नीम की पूर्व अध्यक्ष डॉ० प्रतिभा भार्गव को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर डॉक्टर अर्चना गुप्ता ने कहा महिला सृजनकर्ता है वह अपने बच्चों में संस्कारों का बीजारोपण करती है एक सुखी परिवार के लिए आवश्यक है महिला सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त हो और परिजनों का भरपूर सहयोग मिले। डॉ० दीपिका मित्तल ने कहा प्रत्येक महिला का कर्तव्य है वह अपने बच्चों को शिक्षित के साथ दीक्षित भी करे। वर्तमान समय में कई बच्चे असफल हो जाने के कारण आत्मघाती कदम उठा लेते हैं यदि उनकी मां बहने उन्हें अच्छे संस्कार दें तो यह सब रोका जा सकता है। ज्योति वर्मा ने कहा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के साथ आज महाशिवरात्रि का भी पर्व है शिव और पार्वती के अर्धनारीश्वर के रूप की तरह महिला और पुरुष के बराबर सहयोग से ही सृष्टि अपने सुंदरतम रूप को प्राप्त कर सकती है प्रत्येक महिला अपने घर की धुरी होती है इसीलिए उसका प्रेममय होना घर के पुरुष सदस्यों का नैतिक कर्तव्य है। प्रोफेसर अर्चना अवस्थी ने कहा एक सुसंस्कृत महिला ही योग्य संतानें अवतरित करती है वही एक ऐसे व्यक्तित्व का निर्माण कर सकती है जो हमारे समाज को सही दिशा और दशा की ओर अग्रसर कर सकता है। डॉ० केश गुप्ता ने कहा सनातन धर्म में आदिकाल से ही महिलाओं को उच्च स्थान दिया जाता रहा है सुसंस्कृत परिवारों में महिलाओं को सदैव सम्मान दिया जाता है उसके लिए कोई विशेष दिन की आवश्यकता नहीं है। संघर्ष महिला संगठन की अध्यक्ष सपना सरावगी ने कहा झाँसी वीरांगनाओं की धरती है यहां की महिलाओं ने पूरे देश में विभिन्न क्षेत्रों में जनपद का नाम रोशन किया है आज समाज में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को हम सम्मानित कर स्वयं को गैारवान्वित महसूस कर रहे हैं संघर्ष महिला संगठन के माध्यम से हम महिला सशक्तिकरण पर लगातार कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं साथ ही महिलाओं को सांस्कृतिक रूप से सक्षम बनाने हेतु भी हम प्रयासरत हैं। वही संघर्ष सेवा समिति के संस्थापक डॉ० संदीप सरावगी ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी आगंतुकों को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस और महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं देते हुए कहा बुंदेलखंड की धरती ने योग्य व ताकतवर महिलाओं को जन्म दिया है आज हमने जिन-जिन महिलाओं को सम्मानित किया है वह अपने अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करते हुए समाज के समक्ष एक योग्य उदाहरण प्रस्तुत कर रही हैं। बस आवश्यकता है उनका उत्साह वर्धन करने की हम संघर्ष सेवा समिति के माध्यम से ऐसी महिलाओं का उत्साह वर्धन करने का प्रयास करते रहते हैं जिससे वह अपने कार्य का और अधिक कुशलता के साथ निर्वहन कर सकें। कार्यक्रम की अध्यक्षता अशोक अग्रवाल (काका) ने की एवं आभार सपना सरावगी ने व्यक्त किया।

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