महाराष्ट्र : *अजित पवार गुट ही असली एनसीपी, चुनाव आयोग का फैसला; शरद पवार को बड़ा झटका*
अजित पवार गुट ही असली NCP, चुनाव आयोग का फैसला:7 फरवरी को शरद पवार गुट को मिलेगा नया नाम और सिंबल
चुनाव आयोग ने शरद पवार को नए राजनीतिक दल के लिए तीन नाम का विकल्प देने को कहा है। इसके लिए शरद को 7 फरवरी की दोपहर 3 बजे का समय दिया है।
चुनाव आयोग ने हमारे वकीलों की दलीलें सुनने के बाद हमारे पक्ष में फैसला सुनाया है। हम इसका विनम्रतापूर्वक स्वागत करते हैं: NCP प्रमुख और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार
NCP के नाम और चुनाव चिह्न के मामले में चुनाव आयोग द्वारा अजीत पवार के पक्ष में फैसला सुनाए जाने पर पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने कहा, “…हम चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत करते हैं… किसी भी राजनीतिक पार्टी के लिए चुनाव चिह्न महत्वपूर्ण होता है… हो सकता है कि कल इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट में चुनौती दी जाए। इसमें हमें कुछ कहना नहीं है… हम चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत करते हैं।”
आपको बताते चलें, 6 महीने से अधिक समय तक चली 10 से अधिक सुनवाई के बाद, चुनाव आयोग ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के विवाद का निपटारा किया और अजीत पवार के नेतृत्व वाले गुट के पक्ष में फैसला सुनाया।
चुनाव आयोग ने अपने नए राजनीतिक गठन के लिए एक नाम का दावा करने और आयोग को तीन प्राथमिकताएं देने का एक बार का विकल्प प्रदान किया है। रियायत का उपयोग 7 फरवरी, 2024 को दोपहर 3 बजे तक किया जा सकता है।
दिल्ली: NCP के नाम और चुनाव चिह्न के मामले में चुनाव आयोग द्वारा अजीत पवार के पक्ष में फैसला सुनाए जाने पर एनसीपी-शरद पवार गुट के नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा, “वो तो जाने(उनके पक्ष में) ही वाला था, इसमें कोई नई बात नहीं है…कहा जाता है- घर का भेदी लंका ढाए…हम अभी भी अजीत पवार को दोषी मानते हैं… हम महाराष्ट्र में मजबूत हैं, हमें कोई डर नहीं है, हमारे पास शरद पवार हैं…सुप्रीम कोर्ट जाएंगे…”
NCP के नाम और चुनाव चिह्न के मामले में चुनाव आयोग द्वारा अजीत पवार के पक्ष में फैसला सुनाए जाने पर शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा, ”पहले चुनाव आयोग ने कहा कि शिवसेना एकनाथ शिंदे की है… अब उन्होंने कहा है कि एनसीपी अजित पवार की है… देश की जानता जानती है कि एनसीपी की स्थापना 1999 में शरद पवार ने की थी… हमें पहले से पता था कि ऐसा होगा… शरद पवार सुप्रीम कोर्ट जाएंगे… इस देश में लोकतंत्र खत्म हो गया है…”