Headlines

अनूप अग्रवाल का साला निकला मूर्ति तस्कर

झांसीः श्रद्वा और भक्ति के साथ राजनीति व समाज सेवा के क्षेत्र मे  सक्रिय शहर के कारोबारी अनूप अग्रवाल इन दिनो  अन्तराष्टीय स्तर पर मूर्ति चोर गिरोह के सदस्य के रूप मे आरोपित हुये हैं। हालांकि उन्हंे पुलिस ने पूछताछ के बाद छोड़ दिया है, लेकिन इस आरोप के बाद अनूप चर्चा मे  आ गये हैं। आइये आपको बताते है कि आखिर अनूप पर चोरी का शक क्यों  हुआ।झांसी मे  अपनी पहचान बनाये अनूप अग्रवाल सदर बाजार मे  रहते हैं। वह गौ सेवा के अलावा पेटोल पंप का संचालन भी करते हैं। अपने धार्मिक आयोजनो  और गौ सेवा के लिये प्रसिद्व अनूप अग्रवाल का नाम बीते दिनो  विधानसभा चुनाव मे  टिकट को लेकर उभरा था।अनूप ने अपनी दावेदारी के लिये भाजपा मे  खूब घुसपैठ की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली।

पोलिस ने साले एवं नौकर को मूर्तियो समेत बंदी बना लिया

आरएसएस कार्यालय से भी उन्होने  अपनी दावेदारी के लिये प्रयास किया था। बीते रोज मप्र पुलिस ने उन्हे  यकायक उठा ले गयी। अनूप को पुलिस द्वारा पकड़े जाने को लेकर तमाम तरह की चर्चाएं बाजार मे  गर्म हो गयी। पहला यह है कि क्या वाकई अनूप अग्रवाल मूर्ति चोर गिरोह से जुड़े हो सकते हैं? क्या उन्हंे इस कारोबार से जोड़कर देखा जाना चाहिये? क्यों  अनूप को इस तरह के काम करने की जरूरत पड़ी? इन सवालो  के बीच यह भी सवाल उठ कि अनूप को कहीं साजिशन तो नहीं फंसाया गया या फिर वो अनजाने मे  गिरोह के गतिविधियांे के घेरे मे  आ गये?तमाम सवालों के बीच फंसे अनूप की कल की कहानी आपको बता दे। कल उन्हंे मप्र की एसटीएफ ने उठा लिया था।

पुलिस का कहना है कि मप्र के मंदिरो  से बेशकमती मूर्तियां चोरी हो रही हैं। इनमे  अन्तराष्टीय गिरोह का हाथ है।कल जब पुलिस झांसी आयी, तो अनूप व उनके साले प्रदीप व एक अन्य को एक होटल से दावा किया जा रहा है कि मूर्तियों  की खरीदफरोख्त के सौदे के समय बंदी बनाया गया। हालांकि अनूप की ओर से कहा गया कि वो व्यापार के सिलसिले मे  होटल मे  गये थे और वहां पुराना नौकर मिल गया, जिसके हाथ मे  पेंटिंग थी।

यही से अनूप शके घेरे मे  आ गये।सवाल उठ रहा है कि क्या अनूप वाकई हीरो का कारोबार करना चाहते हैं या फिर मूर्तियों  मे  लगे हीरे का सौदा हो रहा था?पुलिस से जुड़े सूत्र बताते है कि भाजपा नेता की भूमिका संदिग्ध है। अभी जांच चल रही है। बहुत मुमकिन है कि अनूप को दोबारा पूछताछ के लिये ले जाया जाए। वैसे अनूप का स्वभाव और उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा इस बात को नकारती है कि वो ऐसे किसी आपराधिक गतिविधि मे  संल्पित हो सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *