नई दिल्ली 13 जून । केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा ऐलान किया । उन्होंने कहा कि 20 21 से कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर चयन ग्रेड के लिए ,प्रमोशन के लिए पीएचडी अनिवार्य कर दी गई है।
इससे पहले पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री और नेट परीक्षा को असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए पर्याप्त माना जाता था। माना जा रहा है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय के इस कदम से नेट परीक्षा का महत्व कम हो जाएगा जबकि जावेडकर ने कहा कि फेलोशिप परीक्षा के लिए परीक्षा जारी रहेगी
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कहा कि अकादमिक प्रदर्शन सूचकांक उपकरण के बजाय, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने एक नया, “सरलीकृत” शिक्षक मूल्यांकन ग्रेडिंग सिस्टम पेश किया है.
मंत्रालय ने कहा कि अकादमिक पत्रिकाओं में शोध कार्य का प्रकाशन पदोन्नति के लिए अब मानदंड नहीं था, हालांकि, शिक्षक रिसर्च जारी रख सकते हैं. मंत्रालय ने आगे कहा कि शिक्षकों के लिए 2021 से कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए प्रमोशन या प्रत्यक्ष भर्ती के लिए शिक्षकों के लिए पीएचडी डिग्री अनिवार्य होगी.
मंत्रालय ने और क्या कहा
– 2010 के पहले के नियमों में दिए गए शिक्षकों को प्रोत्साहन और बाद में किए संशोधन को बनाए रखा गया है. इनमें एम.फिल या पीएचडी के लिए प्रोत्साहन शामिल हैं.
– अकादमिक पदोन्नति सूचकांक आधारित पीबीएएस सिस्टम को हटा दिया गया है. रिसर्च इनपुट में सुधार के लिए विश्वविद्यालयों के लिए एक नया सरलीकृत शिक्षक मूल्यांकन ग्रेडिंग सिस्टम पेश किया गया है.
– विश्वविद्यालय के शिक्षकों के लिए सीएएस के तहत पदोन्नति मानदंडों को अधिक शोध उन्मुख बनाया गया है, जबकि कॉलेज के शिक्षकों के मामले में सीएएस मानदंड शिक्षण पर अधिक केंद्रित है.
– कॉलेजों में पहली बार प्रोफेसर स्तर तक के प्रमोशन के लिए प्रावधान होगा.
– शीर्ष 500 वैश्विक रैंकिंग में विश्वविद्यालय/ संस्थान से पीएचडी डिग्री धारकों के लिए विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में सहायक प्रोफेसरों की भर्ती के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं.
– विश्वविद्यालयों/ कॉलेजों/ उच्च शिक्षा संस्थानों में नए भर्ती सहायक प्रोफेसरों के लिए एक महीने के इंडक्शन कार्यक्रम की शुरूआत जरूरी कर दी गई है.
– 1 जुलाई 2021 से कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर (चयन ग्रेड) की पदोन्नति के लिए पीएचडी डिग्री अनिवार्य कर दी गई है. इसी तरह विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसरों की सीधी भर्ती के लिए पीएचडी डिग्री अनिवार्य होगी.