देहरादून। उत्तराँचल यूनिवर्सिटी के तत्ववधान में आज 14 जुलाई, 2023 को नॉलेज रिसोर्स सेंटर और साहित्यिक समिति को उत्तराँचल यूनिवर्सिटी ने 28वें रीडिंग डे सेलिब्रेशन के उपलक्ष में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठि का उद्देश्य जहां एक ओर “पढ़ें और आगे बढ़ें” विषय पर चर्चा एवं विश्लेषण करना था।वहीं दूसरी ओर नीति आयोग, भारत सरकार के रीडिंग डे सेलिब्रेशन को लेकर दिए गए निर्देशों का पालन कर इस सकारात्मक पहल में अपनी सहभागीता को भी शामिल करना था।
विश्वविद्यालय लाइब्रेरियन डॉ. रामवीर तंवर ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर माननीय प्रोफेसर (डॉ.) धर्म बुद्धि जी, प्रोफेसर (डॉ.) अनिल के. दीक्षित, एलसीडी और विश्वविद्यालय साहित्यिक समिति के अध्यक्ष, प्रोफेसर (डॉ.) श्रवण कुमार, डीन एसएलए का तुलसी का पौधा भेंट कर स्वागत किया। मित्र का स्वागत किया गया। डॉ. तंवर ने अपने सम्बोधन में बताया कि आज के समय में उत्तराँचल विश्वविद्यालय में एक बहुत बड़ा प्राकृतिक संसाधन केन्द्र बन कर स्थापित किया गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की सेंट्रल लाइब्रेरी में ज्ञान संसाधन डेटा का एक समृद्ध संग्रह है जिसमें किताबें, पत्रिकाएं, शोध पत्रिकाएं, समाचार पत्र, साहित्य आधारित पुस्तकें और उपन्यास आदि सभी उपलब्ध हैं।
प्रोफेसर (डॉ.) धर्म बुद्धि केरल में पुस्तक आंदोलन के जनक स्वर्गीय डॉ. पी. एन. पणिक्कर स्मृति में वाचन दिवस समारोह पर सभा को संबोधित किया। अपने भाषण में उन्होंने सभी शिक्षकों और छात्रों को अनुसंधान क्षेत्र में अधिक से अधिक शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया।
रीडिंग डे को सेलिब्रेट करते हुए डॉ. वी. भुवनेश्वरी, एसोसिएट प्रोफेसर एलसीडी की लिखी पाठ्य पुस्तक “बिजनेस कम्युनिकेशन” का माननीय मुख्य अतिथि प्रोफेसर (डॉ.) धर्म बुद्धि जी के द्वारा विमोचन भी किया गया।
उत्तरांचल विश्वविद्यालय की पीएचडी (बैच 2022) की छात्रा सुश्री श्वेता पांडे ने “एम्ब्रेसिंग द फ्यूचर ऑफ़ लिटरेचर” विषय पर प्रस्तुति दी। कार्यक्रम के मुख्य प्रोफेसर (डॉ.) श्रवण कुमार डीन एसएलए ने पढ़ने के कौशल और आदत पर एक बहुत ही जानकारीपूर्ण और अद्भुत व्याख्यान दिया। यह कार्यक्रम में उपस्थित सभी दर्शकों के लिए एक रियलिटी चेक था।उन्होंने युवा पीढ़ी से डिजिटल की बजाय भौतिक रूप से किताबें पढ़ने की आदत बनाने की भी अपील की।
कार्यक्रम की अगली कड़ी में प्रोफेसर (डॉ.) अनिल के. दीक्षित अध्यक्ष साहित्यिक समिति, ने अपनी साकारात्मक उपस्थिति दर्ज कराते हुए कहा कि किताबें ज्ञान का भंडार होती हैं और हम लोग जितना पढ़ने की आदत को अपनाएंगे उतना ही हमारे ज्ञान में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि सूचना और ज्ञान एक दूसरे के पर्याय नहीं हो सकते। केवल पढ़ने से ही ज्ञान प्राप्त करने में मदद मिल सकती है। क्योंकि कोई भी व्यक्ति जानकारी को सीमित समय तक ही याद रख सकता है लेकिन ज्ञान लंबे समय तक कायम रहता है।
प्रोफेसर (डॉ.) धर्म बुद्धि केरल में पुस्तक आंदोलन के जनक स्वर्गीय डॉ. पी. एन. पणिक्कर स्मृति में वाचन दिवस समारोह पर सभा को संबोधित किया। अपने भाषण में उन्होंने सभी शिक्षकों और छात्रों को अनुसंधान क्षेत्र में अधिक से अधिक शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया।
आज की संगोष्ठी में एसोसिएट प्रोफेसर एवं मॉडरेटर डॉ. पिंकी चुघ आकर्षण का केंद्र रहीं। उन्होंने “पढ़ेगा इंडिया तो बढ़ेगा इंडिया” उद्धरण के साथ मॉडरेटर के रूप में अपनी ज़िम्मेदारी को खूबसूरती से पूरा किया।
अद्भुत और जानकारीपूर्ण संगोष्ठी का समापन श्री मुक्तेंद्र रावत, लाइब्रेरियन एलसीडी ने सभी उपस्थित लोगों को धन्यवाद और आभार प्रकट करके किया।
कार्यक्रम में साहित्यिक समिति की सदस्य सुश्री रूही क़ादरी, सहायक प्रोफेसर, जेएमसी, डीआर। लक्ष्मी प्रिया विंजा कुमारी एसोसिएट प्रोफेसर एलसीडी , सुश्री रूबी पंत, सहायक प्रोफेसर, यूआईटी, डॉ. रजत सिंह, सहायक प्रोफेसर एसओए, श्री. अरुण सिंह ठाकुर, लाइब्रेरियन, डॉ. राखी शर्मा सहायक लाइब्रेरियन, यूआईटी,डॉ. राखी शर्मा सहायक लाइब्रेरियन, सुश्री जैनब और सभी संकाय सदस्य उपस्थित थे।