कानपुर 25 नवबंरः कानपुर मे शुक्रवार की देर रात बजरंग दल के पूर्व जिला संयोजक विजय यादव की अर्मापुर थाने के पास ही धारदार हथियार से हत्या कर दी गयी। प्रदेश मे कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला है।
विजय यादव पर हुये हमले की जानकारी के बाद परिजन उसे लेकर अस्पताल गये, लेकिन उसकी मौत हो गयी। विजय ने अपने बयान जरूर दर्ज करा दिये। इसमे उसने हमलावरो के नाम बताये हैं।
पुलिस के अनुसार इसी इलाके मे रहने वाले विनय झां ने विजय से चार लाख रूपये उधार लिये थे। इसको लेकर दोनो के बीच तनातनी चल रही थी।
आरोपी विनय पर हमले के मामले में मृतक विजय कुछ दिन पहले ही जेल से छूटकर आया था और पुलिस से उसने सुरक्षा की गुहार भी लगाई थी. लेकिन तब उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई. आरोप है कि इस हत्याकांड के बाद भी पुलिस का रवैया बेहद लापरवाही भरा रहा.
विजय यादव के भाई का आरोप है कि थाने के पास इतनी बड़ी घटना हो गई और बहुत देर तक वहां पुलिस नहीं पहुंची.
उधर, अब पुलिस आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी का दावा कर अपना दामन बचाने में जुटी है. एसएसपी कानपुर अखिलेश कुमार मीणा ने कहा, ”पुराना एक विवाद चल रहा है जिसमें विजय यादव जेल गए थे. लेने देन का मामला था. इसे लेकर हत्या कर दी गई. जल्द ही पता कर लिया जाएगा कि कहीं इसके अलावा कोई और बात तो नहीं थी.”
यूपी में सुरक्षा के तमाम दावों के बीच थाने से पास हुई इस हत्या से हर कोई हैरान है. वजह कोई भी हो लेकिन ये वारदात योगी राज में अपराध पर लगाम के दावों पर सवाल खड़े करती है.