एफआईआर दर्ज कराने में कतरा रहे हैं परिजन, अड़तालीस घंटे बाद भी नहीं आई हत्या की तहरीर
कोंच । पत्नी को मौत के घाट उतार कर फरार हुआ ठाकुरदास जाते जाते अपने साथ बड़ी रकम लेकर गया है जिसके चलते अंदेशा होना स्वाभाविक है कि फिलहाल वह जल्दी पुलिस की गिरफ्त में आने बाला नहीं है। इधर, पुलिस ने अभी तक तहरीर के अभाव में एफआईआर भी दर्ज नहीं की है जबकि कोतवाल संजयकुमार गुप्ता कई दफा मृतका के बेटों को तहरीर देने के लिए कह चुके हैं। तहरीर देने में मृतका के बेटे फिलहाल आनाकानी करते दिख रहे हैं।
बुधवार की देर रात लगभग ग्यारह बजे कोतवाली क्षेत्र के ग्राम कुदरा खुर्द में एक पचास बर्षीय महिला प्रेमवती उर्फ रिरुआबाली की बेरहमी से उसी के घर में हत्या कर दी गई थी। उसका पति ठाकुरदास हत्या करके रात में फरार हो गया था। मिली जानकारी में बताया गया है कि जाते जाते ठाकुरदास काफी बड़ी रकम जो आठ-दस लाख के आसपास बताई जा रही है, अपने साथ लेकर गया है जिससे यह अनुमान लगाना बहुत आसान है कि फिलहाल वह जल्दी पुलिस के हाथ नहीं पडऩे बाला है। मृतका की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है, पुलिस ने बताया है कि उसमें एंटीमार्टम इंजरी मौत की बजह बताई गई है।
मृतका के शरीर पर बेशुमार घाव हैं जो यह बताने के लिए काफी हैं कि उसकी हत्या करते वक्त हत्यारे ने उस पर कोई रहम नहीं किया। इधर, पुलिस के सामने अभी घटना की रिपोर्ट दर्ज करने की ही समस्या खड़ी है क्योंकि घटना के अड़तालीस घंटे बाद भी मृतका के परिजनों की तरफ से किसी प्रकार की तहरीर नहीं आई है जबकि कोतवाल संजयकुमार गुप्ता कई दफा उन्हें तहरीर देने के लिए कह चुके हैं।
बेटों के लिए एक तरफ कुआ तो दूसरी तरफ खाई
कुदरा हत्याकांड में तहरीर देने में अचकचा रहे मृतका के बेटों के लिए तो दोराहे जैसी स्थिति बनी है। मरने बाली उनकी मां थी और दूसरी तरफ हत्या करने बाला उनका बाप। बेटों को अभी यही समझ नहीं आ रहा होगा कि बाप को बाप कहें या मां का हत्यारा। ऐसी स्थिति में स्वाभाविक भी है कि बाप के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराने में उन्हें किस हद तक अपने आप से लडऩा पड़ रहा होगा।