झांसीः कांग्रेस को डूबा जहाज मानने वाले कांग्रेसियो की जुबान को तो शायद बड़े नेता नकार दे, लेकिन पूर्व केन्द्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य के पार्टी मे कद को लेकर बड़े नेता कुछ बोल सकेगे? यह सवाल आज हुये कांग्रेस पार्टी के समारोह के बाद उठ खड़े हुये हैं। इस समारोह मे प्रदीप जैन आदित्य की खामोशी उनके दर्द को बयां कर रही थी। प्रदीप के अंदर की बात समझने के लिये नीचे दी गयी तस्वीरे काफी कुछ कहती हैं।
बुन्देलखण्ड ही नहीं पूरे देश मे कांग्रेस के युवा चेहरा माने जाने वाले पूर्व केन्द्रीय मंत्री इन दिनो अपने आप को तलाश रहे हैं। पार्टी से लेकर संगठन स्तर पर उन्हे अपनो से लेकर कार्यकर्ताओ के तीर झेलना पड़ रहे हैं। राजनैतिक महत्वाकांक्षा मे पिछले कुछ दिनो मे लिये गये प्रदीप जैन आदित्य के निणर्य अब उनके गले की हडडी बनते जा रहे हैं।
यहां प्रदीप जैन आदित्य के उपर एक बात लागू होती नजर आ रही। विनाश काले विपरीत बुद्वि। तो क्या माना जाये कि कांग्रेस की तरह प्रदीप जैन आदित्य का भी बुरा वक्त चल रहा है? प्रदीप जैन जो भी दांव खेल रहे वो उल्टा पड़ रहा।
कांग्रेस मे नसीमउददीन सिददीकि जैसे नेताओ के आने से उनके कद को लेकर सवाल उठने लगे हैं। वैसे तो चुनौती डमडम से भी मिल सकती है, लेकिन प्रदीप जैन और डमडम के कद का मुकाबला नहीं किया जा सकता।
हां, प्रदीप जैन आदित्य का आज चेहरा देखने लायक था। वैसे तो कांग्रेस की ओर से आज सम्मान समारोह का आयोजन किया गया था, लेकिन यह पूरी तरह पार्टी का मुस्लिम सम्मेलन बनकर रह गया। प्रदीप जैन आदित्य को मंच से लेकर पत्रकार वार्ता तक बोलने का मौका नहीं मिला। बड़े नेताओ की आड़ मे प्रदीप की जुबां पर ताला लगा दिया गया।
यदि आप चित्र पर गौर करे तो सम्मान के दौरान कुछ तस्वीर मे वो आंख तक बंद किये नजर आ रहे हैं। पत्रकार वार्ता मे भी खामोश दिखे। क्या माना जाए कि प्रदीप जैन आदित्य अब कांग्रेस मे हाशिये पर लाये जा रहे हैं या फिर उन्हे दूसरे के कंधे का प्रयोग कर किनारे किया जा रहा है?
सवाल बहुतेरे है। यदि यह सच है, तो यकीनन कांग्रेस का बड़ा नुकसान माना जाएगा। वैसे प्रदीप जैन आदित्य ने पिछले कुछ दिनो में जिस अंदाज से अपनो को खोया है, उससे तो साफ है कि उनके निणर्य लेने की क्षमता सवालो के घेरे मे है।