क्यों अपनी शर्तों पर कांग्रेस का साथ देना चाहते हैं हार्दिक पटेल

नई दिल्ली 21 अक्टूबरः गुजरात मे बीजेपी को पटकनी देने के लिये तैयार बैठे हार्दिक पटेल ने कांग्रेस का न्योता स्वीकार करने की बात कर दी है। पटेल ने कहा कि वो अपनी शर्तों के साथ कांग्रेस का निमंत्रण स्वीकार कर लेंगे।

गौरतलब है कि गुजरात कांग्रेस की ओर से हार्दिक पटेल, जिग्नेश और अल्तमेश को कांग्रेस मे  शामिल होने का निमंत्रण दिया गया है। पहले हार्दिक पटेल ने इसे कांग्रेस का राजनैतिक दांव बताया था।

अब पटेल ने कहा कि वो अपनी शर्तों के साथ कांग्रेस का निमंत्रण स्वीकार करेगे। कांग्रेस ने 23 अक्टूबर की अल्पेश की रैली से पहले यह न्योता देकर एक साथ कई तीर साधे है। अल्पेश की जनादेश सम्मेलन के नाम से हो रही रैली का ओबीसी वोटो  का महत्व समझा जा सकता है।

राज्य मे  करीब 54 प्रतिशत ओबीसी की आबादी है। ऐसे मे  अल्पेश समझ रहे है कि वो जिस मैदान मे  बैठेंगे वहां वोट बरसना मुमकिन है। इसलिये जीत हार को लेकर गणित लगाया जा  रहा है।वहीं हार्दिक पटेल की ओर से अपनी शर्तों का फार्मूला रखकर वो कांग्रेस के पिटठू नहीं बनना चाहते।

यह भी कहा जा रहा है कि हार्दिक चुनाव मे जीत के बाद आरक्षण सहित अन्य मुददांे पर खुलकर बात करना चाहते हैं। यानि अभी जो तय होगा, वो अंतिम माना जाएगा। दरअसल, अल्पेश सार्वजनिक मंचों से बीजेपी को हराने की हर मुमकिन कोशिश की घोषणा कर चुके हैं. वहीं पाटीदारों की आरक्षण मांग पूरी न होने से नाराज चल रहे पाटीदार नेता हार्दिक पटेल भी बीजेपी के खिलाफ खुलेआम मोर्चा खोल चुके हैं.

दूसरी तरफ जिग्नेश मेवानी गुजरात में दलितों पर उत्पीड़न के खिलाफ मुखर होकर सामने आए हैं. ऐसे में ये तीनों युवा नेता सीधे तौर पर बीजेपी के लिए चुनौती बने हुए हैं. यही वजह है कि कांग्रेस अलग-अलग जातीय समीकरणों का समर्थन रखने वाले इन युवा नेताओं को साथ लाकर गुजरात में 22 साल के सूखे को खत्म करने की रणनीति पर काम कर रही है.

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