गजब के स्कूल -इन स्कूलों मे न शिक्षक रहते और न छात्र

झांसीः जनपद के बेसिक स्कूलांे की हालत बदतर है। यहां छात्रांे के साथ शिक्षक भी नदारद रहते हैं। यह खुलासा एडी बेसिक के निरीक्षण मे  हुआ। उन्हांेने आधा दर्जन से अधिक स्कूलों  का निरीक्षण किया, सभी जगह एक जैसे हालात मिले। नाराज एडी बेसिक ने एक शिक्षक का स्थानातंरण व तीन का वेतन रोकने की संस्तुति कर दी है।

बुन्देलखण्ड मे  शिक्षा का स्तर सुधारने मे  मास्टर ही रोड़ा बने हुये हैं। उन्हे  केवल वेतन लेने मे  मजा आता है। शिक्षा के प्रति अपने दायित्वांे से मुंह चुरा रहे इन शिक्षको  की कार्यशैली ने छात्रांे को भी बेलगाम कर दिया। छात्र भी स्कूल नहीं आ रहे।

एडी बेसिक नजरूददीन अंसारी ने बरूआसागर के प्राथमिक विद्यालय उर्दू मीडियम की जांच की। यहां 74 छात्र मे  से केवल 14 मिले। विद्यालय मे  ही प्राथमिक विद्यालय नवीन संचालित होने का तथ्य भी छिपाया गया। उन्हांेने शिक्षक अरविंद कुमार का स्थानातंरण करने के लिये पत्रावली तलब की है। शिक्षिका मंजू पाण्डेय का एक दिन का वेतन काटने के निर्देेश दिये।

उन्हे  प्राथमिक विद्यालय बरेठी, प्राथमिक विद्यालय कोठी तालरमन्ना बंद मिला। गांव वालों  ने बताया कि स्कूल 10 बजे खुलता हैं। उन्होने  बीएसए को निर्देेश दिये कि दोनो  स्कूलों  से जवाब मांगे। इसके अलावा पूर्व माध्यमिक विद्यालय हरपुरा मे  106 मे  से 25 बच्चे, प्राथमिक विद्यालय हरपुरा मे  106 मे  से 37 बच्चे, पूर्व माध्यमिक विद्यालय बनगुवां मे  116 छात्रांे पर 6 शिक्षिकाएं व तीन अनुदेशक कार्यरत मिले। यहां शिक्षा की गुणवत्ता बेहद खराब थी।

उन्होने  शिक्षिकाए ममता याज्ञिक, सरोज व सुनीता से जवाब मांगा है। अंसारी को आदर्श प्राथमिक विद्यालय मे  बरामदे की छत क्षतिग्रस्त मिली। इसके अलावा अनुपस्थित शिक्षक अनिल कुमार व रश्मि सिंह के वेतन रोकने के निर्देेश दिये।

 

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