झांसी 28 सितम्बरः दुनिया मे सबसे बड़ी दौलत ज्ञान है। ज्ञान से हर चीज हासिल की जा सकती है। बचपन को यदि सही समय पर अक्षरो का ज्ञान मिल जाए, तो उसका जीवन उज्जवल हो जाता है,लेकिन हमारे देश मे हजारो ऐसे बच्चे हैं, जो परिस्थितियो के आगे हार मानकर स्कूल तक नहीं पहुंच पाते या फिर बीच मे ही स्कूल छोड़ देते हैं। ऐसे ही एक बालक को आसरा ग्रुप की महिलाओ ने फिर से ज्ञान के सागर मे डूबोने का काम किया। आज यह बालक खुशी के साथ स्कूल पहुंचा और फिर से अपने दिमाग मे शब्दो का ज्ञान भरने का काम करने लगा।
आइये हम आपको आसरा ग्रुप द्वारा की गयी इस पहल का पूरा विवरण बताते हैं। दरअसल, आसरा वो ग्रुप है, जो गरीबो , महिलाओ और असहाय लोगों के अलावा समाज के विभिन्न वर्गोे की समस्याओ पर ध्यान देकर उभे हल करने का प्रयास करता है।
बीते रोज आसरा ग्रुप की महिलाओ को रेहान नामक बालक मिला। यह बालक मजदूरी का काम करता है। संस्था की अध्यक्ष पूजा शर्मा ने जब रेहान को मजदूरी करते देखा, तो उभे लगा कि इस उम्र मे बालक को स्कूल की चौखट पर दस्तक देकर अपने भविष्य का निर्माण करना चाहिये, वो सड़क पर मजदूरी कर रहा है, क्यों न इसकी परेशानी दूर की जाए। पूजा ने जब रेहान से पूछताछ की, तो पता चला कि रेहान पहले पढ़ता था, लेकिन आर्थिक हालातो के चलते स्कूल छोड़ना पड़ा
पूजा ने रेहान के परिजनो से मुलाकात की और अपनी टीम की सदस्यो के साथ घर पहुंची। रेहान के परिजनो की हालत ठीक नहीं थी। परिजन चाहते थे कि रेहान को होनहार होने का फायदा मिले,लेकिन परिस्थितियो के आगे उन्हांेने हार मान ली थी।
पूजा की टीम के सदस्यो के हौसले और मदद के बाद परिजन रेहान को स्कूल भेजने के लिये तैयार हो गये। रेहान पहले मदर इंडिया कान्वंेट स्कूल मे पढ़ता था। पूजा की टीम ने रेहान को उसी स्कूल मे फिर से दाखिला दिलाया और उसे पढ़ाई की सामग्री भेट की। रेहान की शिक्षा का जिम्मा उठाया।
आसरा की इस पहल से एक होनहार बालक का ज्ञान अब निर्बाध रूप से बह सकेगा। इस अवसर पर रजनी यादव, प्रीति चौधरी, कुसुमलता रावत, स्वाती गुप्ता, रिचा राय, दीक्षा वर्मा, श्वेता गर्ग, श्रेया रावत आदि मौजूद रहीं।