जानिये क्यों ये परिवार पूरे देश की पसंद बन रहा है, रिपोर्ट- देवेंद्र एव रोहित

 झाँसी- पुणे निवासी व कृषि वैज्ञानिक डॉ. सतीलाल पाटिल अपने परिवार के साथ कश्मीर से कन्याकुमारी (लगभग ४००० किमी) के साइकिल यात्रा पर निकले हैं। उद्देश्य है – फ़ैमिली फ़िट्नेस, हरित पर्यावरण एवं जेंडर- इक्वालिटी के संदेश को पूरे देश में पहुँचाना। यह एक स्वप्रायोजित अभियान है जिसमें कोई स्पॉन्सर नहीं है।
इन्होंने १५ ऑक्टोबर ‘१७ को कश्मीर से अपने इस यात्रा की शुरुआत की तथा क़रीब ४० दिन तक साइकिल चलाते हुए ये अपने गंतव्य कन्यायकुमारी पहुँचेंगे। इस अजूबे साइकल यात्रा में डॉ. पाटिल अपने पत्नी डॉ. जागृति पाटिल एवं अपने १४ वर्षीया पुत्री सई पाटिल के साथ हैं। किशोर व उत्साही बालिका सई पाटिल ने पहले भी अपने माता पिता के साथ पुणे से गोवा (४५० किमी) तक की साइकल यात्रा की है। डॉ. पाटिल ने पुणे से कन्याकुमारी (१६५० किमी) साइकल यात्रा की है। उन्होंने पुणे से लेह लद्दाख़ से दिल्ली (२००० किमी) मोटरसाइकल यात्रा की है। इसके अलावा डॉ. पाटिल ने मोटरसाइकल से आठ देशों की यात्रा की है – पुणे से सिंगापुर से पुणे (१८००० किमी)।

 

 

 

 

 

रेकार्ड की दृष्टि से कश्मीर से कन्याकुमारी तक का यह अभियान किसी परिवार के द्वारा किया गया सबसे लम्बा साइकल यात्रा होगा। किसी अल्पतम आयु की बालिका के द्वारा की गयी यह सबसे लम्बी दूरी की साइकल यात्रा होगी। किसी महिला के द्वारा साइकल पर तय किया गया यह सबसे लम्बा अभियान होगा।

अभियान का उद्देश्य
साइकल चलाना फ़िट्नेस, सेहत एवं हरित पर्यावरणका द्योतक है। जीवन एक एडवेंचर है और इसका आनंद तभी लिया जा सकता है जब हमारे पास फ़िट एवं स्वस्थ तन व मन हो।
जेंडर इक्वालिटी व बेटी बढ़ाओ के इस युग में फ़िट्नेस, एडवेंचर व साहसिक अभियान सिर्फ़ पुरुषों के लिए सीमित नहीं होनी चाहिए। कश्मीर से कन्याकुमारी तक के इस अभियान के द्वारा फ़ैमिली फ़िट्नेस, पारिवारिक घनिष्ठता व हरित पर्यावरण के संदेश को पूरे देश में फैलाना है।

साइकल चलाना आने वाले समय में भारत के शहरों व महानगरों की अनिवार्यता होगी

*ग्रीन विजन *: साइकल सबसे कम खनिज-इंधन का इस्तेमाल करती है तथा प्रदूषणमुक्त यातायात का साधन है। साइकल को कोई इंधन नहीं लगता। इसे कोई विषाक्त बैटरी या मोटर ऑइल नहीं लगता । पेट्रोलियम पदार्थ एवं प्रदूषण के अलावा यह सड़क पर भीड़-भाड़ को भी कम करता है जो आज की ज़रूरत है।

*वैल्दीयर कम्यूनिटी *: साइकल लोगों को एक दूसरे के क़रीब लाता है। ज़्यादा लोग साइकल के साथ रोड पर एक दूसरे से जुड़ते-मिलते हैं जिससे समुदाय-भावना बढ़ती है।

*आइ केयर फ़ॉर माय हेल्थ *: साइकल चलाना हेल्थ व फ़िट्नेस का द्योतक है। बेहतर फ़िट्नेस के लिये ३० मिनट के मध्यम प्रबलता वाले कसरत की ज़रूरत होती है। आज के इस व्यस्त जीवन में ऑफ़िस, स्कूल, बाज़ार इत्यादि जाने के लिए साइकल का इस्तेमाल दैनिक जीवन में कसरत जोड़ने का एक आसान व व्यवहारिक तरीक़ा है।

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