झाँसी – सोमवती अमावस्या पर महिलाओं ने पीपल व् वर के पेड़ की पूजा अर्चना कर और अपने पति की लम्बी उम्र के लिये कामना भी की। सोमवती अमावस्या पर महिलायें सुबह से ही पेड़ की पूजा अर्चना करती दिखी आपको बता दे की महिलाओं ने पीपल के पेड़ के 108 परिक्रमा भी लगाये। इस दौरान 108 परिक्रमा लगाने के दौरान महिलायें छुहारे, काजू, बताश, मखाने आदि भी परिक्रमा के दौरान चढ़ा रही थीं। इस दौरान वह पेड़ पर मीठा शरबत भी चढ़ा रही थी।
सोमवती अमावस्या की महिमा क्या है-सोमवती अमावस्या का हिंदू धर्म में विशेष महत्व बताया जाता है. जो अमावस्या सोमवार के दिन पड़ती है वह सोमवती अमावस्या कहलाती है.
इस दिन चंद्रमा के दर्शन नहीं होते हैं. सोमवती अमावस्या सोमवार के दिन पड़ने से व्यक्ति भगवान शिव की पूजा अर्चना करके कुंडली में कमजोर चंद्रमा को बलवान कर सकता है. विवाहित स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु के लिए सोमवती अमावस्या का व्रत रखती हैं. सोमवती अमावस्या पर पीपल की पूजा अर्चना करके पितरों को प्रसन्न करने का भी विधान हिन्दू धर्म में बताया जाता है. माना जाता है कि ऐसा करने से घर में अन्न धन की कोई कमी नहीं रहती है. बताया जाता है सोमवती अमावस्या पर विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से मन की सारी इच्छाएं पूरी हो सकती हैं.