झांसीः नगर विधायक रवि शर्मा के सामने विकट स्थिति है। एक तरफ कुआं दूसरी तरफ खाई। यानि जिसे टिकट दिलाए वो खुश और जिसे ना मिले वो नाराज। इसके अलावा मेयर पद के लिये बने समीकरण ने उन्हंे परेशान कर दिया है।
लगता है कि पार्टी रवि के कंधांे पर जिताने की जिम्मेदारी डालने वाली है।झांसी मे भाजपा के वैसे तो कई खेमे हैं। सत्ता का केन्द्र बिन्दु रवि शर्मा ही कहलाते हैं।
कई भागो मे बंटी कह सकते भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती मेयर प्रत्याशी को लेकर आ गयी है।चुनावी मैदान मे डमडम महाराज और प्रदीप जैन की मौजूदगी ने बीजेपी के अंदर के समीकरण बिगाड़ दिये हैं।कहा जा रहा है कि संभावित 47 दावेदारो मे से करीब पांच ने तो कह भी दिया कि हमारे बस का नहीं है चुनाव लड़ना!
रवि शर्मा के सामने यह भी सवाल खड़ा हो गया हैकि वो किस दावेदार को कमजोर बता दे । भले ही उन्हे चुनाव मे दूसरे दावेदारो ने दगा दिया था।
इन सबपरिस्थितियो से निपटने के लिये मास्टर माइंड कहे जाने वाले रवि शर्मा ने आज रात मे ही लखनउ की दौड़ लगाने की तैयारी कर ली है।करीब दो दिन वहां डेरा रहेगा। इस दौरान अपने को चक्रव्यूह से बाहर निकालने और कोशिश रहे कि जीत की जिम्मेदारी से बच जाए, ताकि मौज मस्ती के परिवार के प्लान पर काम किया जा सके।
जानकार बता रहे है कि रवि शर्मा पिछले कुछ दिनो से मेयर पद के लिये आये नामो को लेकर मंथन की अवस्था मे है। स्क्रीनिंग कमिटि को जो नाम भेजे गये अब उनके बारे मे लखनउ मे जाकर फीडिंग की जानी है।
विधायक से ही पूछा जाएगा कि किस जाति, सामाजिक, व्यक्तिगत समीकरण के लिहाज से कौन मजबूत रहेगा। पार्टी अपनी रणनीति के केन्द्र बिन्दु मंे चेहरे के साथ सभी समीकरण फिट करने वाले प्रत्याशी पर दांव लगाएगी।
भले ही इसके लिये नया चेहरा क्यांे न मैदान में लाना पड़े।