झांसीः सभासदी के गणित ने भाजपा के अंदरूनी समीकरण बिगाड़े?

झांसीः टिकट वितरण से पहले बैकफुट पर आयी भाजपा अब अंदखाने के विरोध को झेलने की काट ढूंढ रही है। विभिन्न वार्डों मे  दावेदारी कर रहे लोगो  के हाथ लगी निराशा ने कई सवाल खड़े कर दिये हंै।

आइये जानने की कोशिश करते हैं कि भाजपा के सभासद के दावेदारो  मे  कितने ऐसे है, जिन्हंे आवेदन के बाद भी टिकट नहि  मिल सका। क्या मानक रहे दूसरो  को टिकट देने मे ।

सबसे पहले बात करते है वार्ड क्रमांक-36 की। यहां से पार्टी ने सचिन मिश्रा को उम्मीदवार बनाया है। इस वार्ड से अजय तिवारी अज्जू प्रबल दावेदार थे। इसके अलावा भाजपा नेता सुधीर सिंह का रिश्तेदार भी दावेदार था।

इन सबसे इतर सचिन मिश्रा को टिकट दिया गया। दावेदारांे का कहना है कि वो पूरे वार्ड मे  पिछले कई सालो  से तैयारी कर रहे थे। जबकि समर्थक कह रहे है कि सचिन को जानते तक नहीं है, उन्हंे किस आधार पर टिकट दिया गया।

यही हाल, वार्ड क्रमांक-59 का है। यहां पूर्व सभासद अरूण द्विवेदी, अनूप सहगल, अंकुर बटटा पुरजोर तरीके से टिकट की मांग कर रहे थे। इससे उलट यहां निर्दोष अग्रवाल को टिकट दिया गया।

सबसे अनूठा नमूना वार्ड नंबर9 से देखने को मिला।यहां अजय नामक दावेदार को भाजपा ने टिकट दे दिया। जबकि अजय को बसपा पहले ही टिकट दे चुकी है।

टिकट मे  पुराने चेहरो  को नजरदांज कर बाहर से आये लोगो को वरीयता दिये जाने के आरोपो  ने भाजपा के अंदरखाने मे  आग लगा दी है।

मेयर प्रत्याशी राम तीर्थ सिंघल के टिकट से शुरू हुआ विरोध का सिलसिला अभी थमने का नाम नहीं ले रहा।

पूरे नगर मे  भाजपा के दावेदार अपना विरोध प्रकट कर रहे हैं। वो सबसे ज्यादा सोशल मीडिया पर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं।

भाजपा के लिये यह प्रचार घातक साबित हो सकता है?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *