झांसीः सदर बाजार थाना क्षेत्र के स्लाटर हाउस मे बीती रात एक मजदूर की हत्या के बाद कई तरह के सवाल खड़े हो गये हैं। अवैध गतिविधियो के घेरे मे आ रहा स्लाटर हाउस आने वाले दिनो मे बुन्देली माटी के लिये बबाल बन सकता है?
आपको बता दे कि पूर्व मे संचालित स्लाटर हाउस यानि पशुवधशाला को स्थानीय नेताओ और संगठनो के विरोध मे बंद कर दिया गया था। इस बार स्लाटर हाउस को दिल्ली से परमीशन लेकर संचालित करने का दावा किया जा रहा है।
पुलिस के अनुसार स्लाटर हाउस मे काम करने वाले अधिकांश मजदूर असम, बंगाल और जम्मू-कश्मीर से हैं। यही से स्लाटर हाउस की संदिग्धता शुरू होती है।
पहले तो लोगो को यह बात हजम नही हो रही कि स्लाटर हाउस खुल कैसे गया? दूसरा यह कि यहां काम करने वालो का क्या पुलिस वैरीफिकेशन कराया गया? क्यांेकि स्लाटर हाउस मे रात के समय असमान्य गतिविधियां संचालित हो रही है।
पुलिस भी मान रही है कि स्लाटर हाउस मे काम करने वाले मजदूर शराब, जुआ और अन्य गतिविधियो मे संलिप्त है।
सदर एसओ ने बताया कि बीती रात जुआ खेलने को लेकर हुये विवाद के बाद एक मजदूर की हत्या कर दी गयी। उन्होने बताया कि जिस कंपनी के गार्ड तैनात किये गये हैं, उनकी सुरक्षा खतरे मे हो सकती है।
स्लाटर हाउस मे मजदूरो के पास हथियार होने से भी शंकाएं जन्म ले रही है। अब सवाल यह उठ रहा है कि आखिर बुन्देलखण्ड की धरती पर पशुवधशाला खोले जाने का औचित्य क्या है?
इसके संचालन के लिये किसने परमीशन दी? सत्ता से जुड़े लोग भी इस बात से परेशान है कि स्लाटर हाउस संचालित कैसे हो रहा? उन्होने कहा कि केन्द्रीय मंत्री उमा भारती के संज्ञान मे यह मामला आया है, संभव है कि जल्द ही इस पर कार्रवाई की जाए।