झांसीः दूसरो के लिये जिन्दगी जीने का अंदाज बहुत लोग दिखाते हैं, लेकिन बेजुबान के लिये दिल मे दर्द रखने वाले कम होते हैं। शायद कुदरत ने मां को इसीलिये बनाया है। महिला के अनेक रूप मे सबसे अच्छा रूप मां का कहा जाता है। मां हर वेदना को समझती है।
जेसीआई गूंज की महिलाओ ने भी ममत्व का रूप पेश करते हुये सर्द रात मे बेजुबानो को राहत देने का काम किया।
अपने झांसी शहर में सभी लोग कम्बल का वितरण जगह जगह पर कर रहे है।कभी किसी ने सोचा है।विचारे पशुओं को भी ठण्ड लगती होगी।यह बोल नही सकते इस लिए कोई इनकी तकलीफ को कोई समझता नही है।
जेसी आई झांसी गूंज द्वारा इस्कॉन मंदिर में रह रही गायो को कम्बल से बन बाकर उनके ऊपर डालने बाला कवर वितरण किया गया।
कार्यक्रम गूंज की अध्यक्ष जेसी दिव्या की उपस्तति में किया गया।
पूर्व अध्यक्ष योगिता अग्रवाल द्वारा संबोधन दिया गया।उन्होंने बताया यह एक नेक कार्य है।इसमे सभी को बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए।यह पशु हमे अपनी तकलीफ बता नही सकते।क्या हम मनुष्य में सामर्थ नही है कि हम इनकर दर्द को समझ सके।
गूंज की चार्टर अध्यक्ष जेसी रेखा राठौर ने कार्यक्रम की सराहना की
सयोजक जेसी शारिका अग्रवाल मनीषा नारवानी के द्वारा कम्बल वितरण किये गए।