झांसीः नवाबाद पुलिस ने बीते दिनो झांसी के युवको से नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले चन्द्रशेखर को बंदी बना लिया। उसे जेल भेज दिया गया है।
पुलिस से पूछताछ मे चन्द्रशेखर ने जो खुलासे किये वो काफी हैरत भरे हैं। आपको बता दे कि मानव विकासवादी कल्याण संस्था के नाम से खोले गये आफिस के जरिये चन्द्रशेखर बुन्देलखण्ड के युवको को नौकरी देने का लालच देता था।
नगर निगम के सामने खुले कार्यालय मे हर रोज सैकड़ा युवक अपने लिये नौकरी की तलाश मे उसके पास पहुंचते थे। युवको को अच्छी नौकरी का झांसा देने के लिये चन्द्रशेखर ने कई तरह के हथकंड़े अपना रखे थे।
पुलिस के अनुसार चन्द्रशेखर ने शुरूआत मे लोगो को जोड़ने का काम किया। उन्हे बड़ी-बड़ी कंपनियो मे नौकरी देने का सपना दिखाया जाता था। इसके लिये नगर मे बड़ी-बड़ी कंपनियो मे नौकरी होने का दावा करते हुये पोस्टर लगाये गये।
चन्द्रशेखर यह बात अच्छी तरह जानता था कि चेन सिस्टम के जरिये जल्द ही युवको को जोड़ लिया जाएगा। इसलिये उसने पहले कई बेरोजगार युवको को अपने आफिस मे बीस से पच्चीस हजार रूपये प्रतिमाह की नौकरी दी।
इन युवको को शुरूआत के दो से तीन महीने तक वेतन भी मिला। चन्द्रशेखर का असली निशाना बिना पढे़ लिखे युवक होते थे। वो यह बात अच्छी तरह जानता था कि आठ या दस पास युवक को यदि बीस हजार की नौकरी का लालच दिया गया, तो वह दस से बीस हजार रूपया जमा कर देगे।
शुरूआत मे जिन युवको को उसने अपने आफिस मे नौकरी दी,उनसे कहा गया कि अपने सहयोगियो को भी नौकरी के लिये बुला लो। कुछ युवक चन्द्रशेखर की बातो मे आ गये।
बस, फिर क्या था।चंद ही दिन बाद चन्द्रशेखर के आफिस मे युवको का तांता लगने लगा। आफिस के बाहर मेला सा लगा रहता था। हर कोई दस से बीस हजार रूपये ऐसे जमा करता था जैसे उसे स्थायी नौकरी मिल रही हो।
पुलिस ने बताया कि चन्द्रशेखर अपने मकसद मे कामयाब हो गया था, लेकिन उसके साथियो की लालच ने पूरा खेल बिगाड़ दिया। आफिस मे प्रतिदिन जमा हो रहे लाख रूपयो का लालच साथियो को करोड़े मे खेलने वाला लगने लगा। चन्द्रशेखर भी पैसा आने के बाद गार्ड और गाड़ियो मे चलने लगा था।
पुलिस ने बताया कि गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाला चन्द्रशेखर पिछले साल भी एक चर्चित समाज सेवी के यहां आफिस खोलकर यह काम करना चाहता था, लेकिन ऐसा हो नहीं सका था।