झाँसी- युवा, जोशीले और सबके प्रिय चेहरो मे शामिल किये जाने वाले नगर के प्रतिष्ठित व्यापारी राजीव राय ना जाने क्यो राजनीति से तौबा किये हैं। यदि उन्हे सपा प्रोजेक्ट कर दे, तो यकीनन वो सबकी पसंद हो सकते हैं।
कहते है कि राजनीति मे चाल और चरित्र का काफी महत्व होता है। बुन्देली माटी मे ऐसे कई नेता है, जिनके दामन सूरज की रोशनी की तरह हैं। वो जनता के बीच आज भी लोकप्रियता का शिखर छू रहे हैं।
इनमे राज्यसभा सांसद चन्द्रपाल सिंह यादव, पूर्व केन्द्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य, व्यापारी युवा नेता राजीव राय का नाम अहमता से लिया जाता है।
व्यापारिक राजनीति मे पूरी तरह पकड़ रखने वाले राजीव राय जाने क्यो जनता की राजनीति से दूरी बनाये रहते हैं। राजीव का एक ही वाक्य है कि सेवा के लिये पद की जरूरत नहीं।
इससे इतर उनके प्रशंसक मानते है कि राजीव को सक्रिय राजनीति मे भाग लेना चाहिये। राजीव की सोच और व्यवहार लोगो का दिल जीतने के लिये काफी है।
सपा मे लंबे समय से सक्रिय राजीव राय को लेकर पिछले दिनो चर्चा उठी थी। उन्हे विधानसभा का दावेदार बनाया जा रहा था, लेकिन कांग्रेस और सपा के गठबंधन के बाद यह रास्ता बंद हो गया। उस चुनाव मे राजीव की सक्रियता का आलम ही था कि गठबंधन का प्रत्याशी पचास हजार से ज्यादा वोट पा गया।
दरअसल, राजीव की व्यापारिक छवि बहुत अच्छी है। आरोपो से मुक्त राजीव एक अच्छे दोस्त कहे जाते हैं।लोगो का कहना है कि सपा यदि व्यापारी वर्ग पर दांव लगाने की तैयारी मे है, तो राजीव राय से बेहतर चेहरा नहीं हो सकता।
राजीव को लेकर यह भी कहा जा रहा है कि वो दो कददावर नेताओ , क्रमशः प्रदीप जैन आदित्य और डमडम के मुकाबले मे अपनी युवा जोश से जीत हासिल कर सकते हैं।
राजीव को व्यापारी और जनता की नब्ज पकड़ने मे महारत हासिल है। इसका उदाहरण पिछले दिनो झांसी महोत्सव की सफलता से देखा जा सकता है।
अकेले दम पर पूरा कुनबा खड़ा कर देने वाले राजीव राय ने झांसी जन महोत्सव को ना केवल दोबारा सफल बनाया, बल्कि यह भी संदेश दिया कि अच्छी सोच से हर काम मुमकिन है।
ऐसे युवा चेहरे पर यदि सपा विचार करे, तो निश्चित ही जीत के आंकड़े सभी वर्ग शामिल किये जा सकते हैं।