झांसी: रक्षा सूत्र बंधवाने घर आए दद्दा (दीप नारायण) को देख बहनें बोली -भईया तुम्हें मेरी उम्र लग जाए

झांसी: सामाजिक रिश्ते को राखी के धागे में पिरोकर उसकी रक्षा, निरंतरता और निभाने के संकल्प के साथ पूर्व विधायक दीप नारायण सिंह यादव ने आज से कुछ वर्ष पहले 1000 बहनों के रक्षा सूत्र से अपने जिस रिश्ते की शुरुआत की उसे वह आज भी निभा रहे हैं।

हर बार की तरह इस बार भी रक्षाबंधन पर्व को दीप नारायण सिंह यादव ने पूरी भव्यता के साथ मनाने का ऐलान किया , लेकिन अचानक से प्रशासन ने ऐसी लक्ष्मण रेखा खींची के कार्यक्रम निरस्त करने की परिधि में खड़ा कर दिया , लेकिन बहनों लिए अपने वचन को निभाने का हौसला लिए दीप नारायण सिंह यादव डिगे नहीं और वह खुद घर-घर बहनों से रक्षा सूत्र बनवाने के लिए पहुंच गए।

हालांकि रास्ता मुश्किल था , क्योंकि थोड़ी समय में 1000 बहनों से रक्षा सूत्र बनवाना संभव नहीं था। दीप नारायण अधिक से अधिक बहनों के घरों तक जा सके , गए और रक्षा सूत्र बनवाया । बाकी बहनों के पास अपने प्रतिनिधि भेज कर उन्हें उपहार देकर रक्षा सूत्र लिए।

दरअसल दीप नारायण सिंह यादव पिछले कई सालों से 1000 एक बहनों से हर रक्षाबंधन पर्व पर राखी बनवाने का अपना सामाजिक रिश्ता निभाते चले आ रहे हैं ।

इस साल उन्होंने यह कार्यक्रम गुरसराय के पटेल गार्डन में आयोजित करने का निर्णय लिया था । भव्य तरीके से होने वाले इस कार्यक्रम की तैयारी जोरों पर थी , लेकिन ऐन मौके पर प्रशासन की ओर से भारत बंद का हवाला देते हुए कार्यक्रम को निरस्त करने का फरमान सुना दिया।

इससे दीप नारायण सिंह यादव के सामने थोड़े समय के लिए संकट खड़ा हो गया कि वह सभी बहनों को एक जगह एकत्रित नहीं कर सकते थे।

ऐसे में दीप नारायम के सामने परिस्थितियों को समझते हुए और बहनों से अपने वादे को पूरा करने का एक रास्ता यही था कि वह घर-घर जाकर रक्षा सूत्र बंधवाएं । इसके लिए रणनीति बनाना पड़ी क्योंकि 1000 बहनों तक एक दिन में पहुंचना संभव नहीं था।

इसके लिए सभी ने मिलकर जिम्मेदारी निभाई, जितनी बहनों के घर दीप नारायण सिंह जा सके, वह बहनों के घर पहुंचे । कार्यक्रम निरस्त होने के बाद भी जब बहनों के घर दीप नारायण सिंह यादव पहुंचे, तो बहनें खुशी के मारे उछल पड़ी ।

बहनें दीप नारायण सिंह यादव को प्यार से दद्दा के रूप में बुलाती हैं । दद्दा को अपने घर में देखकर सभी बेहद खुश हुई और रक्षा सूत्र उनकी कलाई पर बांधा । दीप नारायण ने चेहरे पर मुस्कुराहट के साथ बहनों को रिश्ता निभाने का भरोसा देते हुए उन्हें उपहार भेंट किए।

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