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झांसी वाले बत्ती के मिलकवे -बुझबे से जु़दे परेशान हो गए, कोई नई सुन रओ

झांसी। डीएम साहब ,आजकल आसमान से बरस रही । आग से बचबे के लाने लोगबाग घरन में पिड जात, ताकै नौनो लगे। पर, घरन में बत्ती चैन नई लैन दे रई।

पूरे झांसी बारे रातन को सो नई पारय, मुलएक दिना हो गय। पत्तो नई कबलोउ एसन रेन परे! साहब, आपको तो पतो हुए बिजरी बारे तो बोलई नई रय।

आपको बता दे, कई जनै विधायक जू कै तै भी ही आए, बेई बस, हा -हूं कर देत। हम ऑररन को बताई कै कलेक्टर साहब से कयो। बे बात को अच्छे से सुन लेत।

सो बता रय कै मोरी मौरा बहुताई परेशान हैं। रात भर बिलबिलात रेत। घर में पंखा, कूलर सब लगो, लेकिन कोई चलताई नैया। बत्ती नई आ रई।

जेठ की जा गर्मी पर रई । एसोई बनो रओ, तो रामदई मर जैहै।

साहब, आप झांसीवारन पै तन दया करले। हम ओरण की जान बच जै, बत्ती आ जाए, तो आपकी जै जै बनी रय। तनक देख लियो साहब, सच्ची कई रय। पूरी झांसी परेशान है।

आपके झांसी बारे।

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