डाॅ० संदीप ने एक और बहन को पैर पखारकर किया विदा

बहन-बेटियों का आशीर्वाद विपत्ति में बन जाता है रक्षा कवच- डॉ० संदीप

झाँसी। संघर्ष सेवा समिति के बढ़ते परिवार के क्रम में आज एक और बहन का आगमन हुआ दीक्षा अहिरवार जिनके पिता मार्बल घिसाई का काम करते हैं संघर्ष सेवा समिति कार्यालय पहुंची। जहां उन्होंने अपने विवाह के संबंध में समिति के संस्थापक डॉ० संदीप सरावगी से वार्तालाप की जिसमें डॉक्टर संदीप ने दीक्षा को सुसज्जित कर बहन के रूप में विदा करने का आश्वासन दिया। आज विवाह के दिन दीक्षा जनपद के प्रतिष्ठित ब्यूटी पार्लर कलर्स ब्यूटी पार्लर में तैयार होकर संघर्ष सेवा समिति कार्यालय पहुंची जहां दीक्षा के पैर पखारे गए इसके पश्चात उपहार देकर विदा किया। दीक्षा ने कहा डॉक्टर संदीप द्वारा भाई के रूप में मिले प्यार से अविभूत हूं यह मेरे लिए बहुत ही मार्मिक क्षण है मैं संदीप भईया से जीवन भर संपर्क में रहूंगी। वहीं डॉक्टर संदीप ने कहा विवाह के पूर्व किसी कन्या के पैर पखारना पुण्य कर्म है आज की आधुनिकता को छोड़कर यदि हम किसी महिला को बहन या बेटी के रूप में देखते हैं और उसी अनुसार कर्म करते हैं तो समस्याओं में उन बहन बेटियों का आशीर्वाद काम आता है। अभी तक हम सैकड़ों बहनों को विदा कर चुके हैं और आगे भी इस कार्य को अनवरत जारी रखेंगे। इस अवसर पर सचान मामा, कौसर जहां, संदीप नामदेव, अनुज प्रताप सिंह, बसंत गुप्ता, राजू सेन, सुशांत गेड़ा, राकेश अहिरवार, ललित रायकवार, पूजा रायकवार आदि उपस्थित रहे।

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