नई दिल्ली 12 सितम्बरः सुप्रीम कोर्ट ने हिन्दु लोगो के तलाक लेने के मामले मंे छह माह की वैद्यता यानि कूलिंग पीरियड को यह कहते हुये समाप्त सा कर दिया कि यदि दोनो पक्ष आपस मे सहमत है और बच्चांे को लेकर सेटलमेट हो गया, तो तलाक लिया जा सकता है।
कहा गया है कि तलाक के लिये पहले 6 माह का इंतजार करना होता था। इसे समझौता पीरियड भी कह सकते हैं। यानि गुजांइश दी जाती थी कि दोनो पक्ष आपस मे सहमति बना सके। देखा गया कि अधिकांश मामलो मे समझौता नहीं हो पाता।
ऐसे मे सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी आठ साल से अलग रहे रहे एक दंपति की सुनवाई मे दी। याचिका मे कहा गया था कि दोनो आठ साल से अलग रह रहे हैं। उन्हंे 6 माह वाले मामले मे ढील दी जाए। इस पर कोर्ट ने यह फैसला सुनाया।