नई दिल्ली 4अक्टूबरः पिछले कुछ दिनो से दीवालिया बचने की प्रक्रिया से बच रहा आम्रपाली गु्रप आखिर अब दीवालिया घोषित हो जाएगा। इसके लिये अर्जी को मंजूर कर लिया गया है। इस निणर्य का करीब 40 हजार खरीददारो पर असर पड़ेगा।
गौरतलब है कि आम्रपाली गु्रप अपने निवेशको से 90 प्रतिशत तक रकम ले चुका है, लेकिन पिछले 7 सालो मे उसने किसी को मकान नहीं दिया।
आम्रपाली की तरह जे पी इंफ्रा भी खुद को दिवालिया करार दिए जाने की कोशिश में जुटी है. हालांकि उसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख बरकरार है. कोर्ट ने कंपनी को 2000 करोड़ रुपये जमा कराने का आदेश दिया है और इसके लिए कंपनी को 27 अक्टूबर तक का वक्त दिया है. साथ ही कोर्ट ने कंपनी के एमडी सहित सभी निदेशकों के विदेश जाने पर रोक लगा दी है और कहा है कि जरूरी होने पर वह विदेश यात्रा के लिए पहले कोर्ट की इजाजत लें. कोर्ट ने कंपनी पर बेहद सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि कंपनी बंगाल की खाड़ी में डूबती है तो डूब जाए, हमें घर खरीदारों की फिक्र है. कोर्ट ने इसके साथ बैंकों को जेपी के फ्लैट्स खरीदने के लिए होम लोन लेने वालों के साथ नरमी बरतने के निर्देश दिए हैं.
दर्ज हो चुकी है एफआईआर
सितंबर के पहले हफ्ते में ही आम्रपाली बिल्डर्स के खिलाफ निवेशकों ने ग्रेटर नोएडा के बिसरख थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी. बिल्डर्स के खिलाफ जालसाजी और धोखाधड़ी की धाराओं के तहत ये मामले दर्ज किए गए हैं. आम्रपाली ग्रुप के सीएमडी अनिल शर्मा, डायरेक्टर मोहित गुप्ता और शिव प्रिय के खिलाफ एफआईआर दर्ज है